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( १६४ )
नंदनजगवंदन, सिवादेवीमात मलाररे || (सेवो स्याम सलुणा ० ॥ १ ॥ ) अपराजितअनुत्तरथी चविया । मातुउदर मझाररे ॥ (सेवो स्याम० || २ || ) कातिवदिवारसप्रभु उपना | चित्रा नक्षत्र शुभ वाररे || (सेवो० || ३ || ) चउदे स्वपना देखे राणी | तीर्थंकर सूचना || (सेवो स्याम ० ॥ ४ ॥ ) श्रावणशुदि पंचमी जिनजनम्या | त्रिभुवनमें सुखकाररे || (सेवो० ॥ ५ ॥ मेरु सिखर परजन्म महोत्सव । इंद्र करे अधिकाररे ॥ (सेवो० ॥ ६ ॥ समुद्रविजयराजाघरउच्छव । वरत्यो जयजयकाररे ॥ (सेवो० स्याम० ||७|| शुदिछठ विभु भये व्रतधारी । ब्रमचारि सुविचाररे || (सेवो० ॥ ८ ॥ ) सोरिपुर में जन्म भयो है । द्वारिका संजमसाररे ॥ (सेवो स्याम ० ॥ ९ ॥ ) गिरनार गिरिके सहसावनमे । चोथो नाण दिलधाररे || (सेवो० ॥ १० ॥ ) पांचसुमतिधर तीन गुप्तिवर || विचरे प्रभु मनुहार || ( से० स्याम० ।। ११ ।। ) दुकर तपकरि कर्म शत्रुहणि । घातिकर्मक्षयकाररे ॥ ( से० ॥ १२ ॥ ) रेवतगिरि विचरंता आया । शुक्लध्यान ध्यानाररे || ( से० स्याम० ॥ १३ ॥ ) आसोजनी अमावस दिवसे । केवल ज्ञान श्रीकाररे से ० ॥ १४ ॥ ) समवसरणमे चोमुख प्रभुजी । देशना देवे सुखसाररे || (सेवो० ॥ १५ ॥ चउविह धर्म प्रकासे जगगुरु । संघ थाप्यो सुरसालरे || सेवो स्याम० | १६ || अठारसहससाधुनी संपदा । श्रमणी चालीस हजाररे ॥ सेवो० १७ ।। एक लाख गुणत्तर सहस । श्रावक समकित धाररे । सेवो स्याम० १८ ॥ तीनलाखअठार हजार | श्रावणीसुविचाररे (सेवो० ॥ १९ ॥ ) सहसवरस प्रभु आयु पाली । मुक्ति वधु भरताररे ॥ सेवो स्याम० ॥ २० ॥ रथनेमी
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