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प्रवर्तक कान्तिविजय जैन इतिहासमाला तृतीय पुष्प ।
॥ अर्हम् ॥
शत्रुंजयतीर्थोद्धारप्रबंध |
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( उपोद्घात और ऐतिहासिक सारभाग सहित । )
संपादक
मुनि जिनविजय ।
संवत् २४४३. विक्रमार्क १९७३.
प्रकाशक
श्री जैन आत्मानन्द सभा भावनगर ।
( प्रथमावृत्ति - ५०० प्रतिः )
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मूल्यदश आले.