________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अ. अ.१ // 106 // सरस्वत्यारेवदग्नेदिदीहि 4 इळामग्ने पुरुदंससनिंगोःशश्वत्तमंहवमानायसाध स्यानःसूनुस्तनयोविजावानेसातैसुमतिर्भूत्वस्मे 5 // 23 // अग्ने सहस्व पञ्च विश्वामित्रोऽग्निर्गायची / आद्यानुष्टुप् / 24 अग्नेसहस्वपतनाअभिमातीरपास्य / दुष्टरस्तरन्नरांतीर्वधायज्ञवाहसे 1 अमंडळासमिध्यसेवीतिहोत्रोअमर्त्यः / जुषस्वसूनो अध्वरम् 2 अग्नेछु / नेनजागृवेसहसःसूनवाहुत / एदंवहिःसंदोमम 3 अविश्वेभिरमिभिदेवेभिमहयागिरः / यज्ञेयुयउंचायवः 4 अग्नेदादाशुषेर्यिवीरवन्तंपरीणसम् / प्रशिशीहिनःसूनुमतः 5 // 24 // अग्ने दिवः पञ्च विश्वामित्रोऽग्निविराट् / चतुा इन्द्राग्नी / 25 अग्नेदिवःसूनुरसिप्रचेतास्तनापृथिव्याउतविश्ववेदाः। ऋग्देवॉइहयजा // 1.06 // For Private and Personal Use Only