________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
परि० २५]
द्यू क्रे
क्रौं क्राँ ज्वालामालिनी देवी नमः ददादिदी दुदूदेदेदोदौदंदः द्रद्रिद्रः दुष्टान् वारय २ स्वाहा श्री नमः १ भ्यू भल्यूँ भल्यूँ क्राँ क्रोँ क्राँ ज्वालामालिनी देवी नमः भभाभिभीभूभूमै भोभोभं भः सर्वजन वश्यं दुष्टजनवश्यं कुरु २ स्वाहा श्री नमः ४ फल्यू फ्यूँ फ्ल्यू क्रोँ काँक्राँ ज्वालामालिनी देवी नमः यायिये ये योयोययः सर्वजन वश्यं दुष्टजनवश्यं कुरु २ स्वाहा श्री नमः ७
यू यू म्यू काँ काँ काँ ज्वालामालिनी देवी नमः खाँ खे खै खाँ खः दुष्टजनान् वश्यं जट नमनाग्री भंजय २ स्वाहा कुरुभ्यं नमः
www.kobatirth.org
ज्वालामालीनीमन्त्रस्तोत्रम्
ज्वालामालिनी यंत्र ।
म्यू
हुम्ल्यू हयू क्राँ क्रोँ क्रोँ ज्वालामालिनी देवी नमः दहाहिद्दीहुहुहे होहोहहः हौं ह्रीं हूँ हः सर्वदुष्टजीवान् वश्यं कुरु २ फट् स्वाहा २ ल्यू क्रोँ काँ क्र ज्वालामालिनी देवी नमः ममामिमीमुम्मेमैमोमोमंमः सर्वजनवश्यं दुष्टजनवश्यं कुरु २ स्वाहा श्री नमः ५ छल्यू फ्ल्यू फ्ल्यू क्राँ क्राँ क्राँ घुंघें घ्र दुन घ्रों घ्रः शशष्टान् त्रय २ यय नन श्रीघोराक्षेयमसुरस्य
नमः स्वाहा ८
चम्यूँ यूँ यूँ काँ क्रोँ क्राँ ज्वालामालिनी देवी नमः चाँ ची चूँ चाँ दुट्रान् कृजतात्रान् मंथ २ छेदय २ ॐ ह्रीं फुट् स्वाहा श्री नमः ११
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private And Personal Use Only
१०५
क्ष्ल्यू
क्रोँ क्रोँ क्रोँ ज्वालामालिनी देवी नमः क्षक्षाक्षिक्षीक्षुक्षूक्षेक्षैक्षोक्षौक्ष क्षः सर्वजनवश्यं दुष्टजनवश्यं
कुरु २ स्वाहा. ३
ज्यू ज्यूँ इम्यू क्रोँ क्र काँ ज्वालामालिनी देवी नमः जजाजिजीजुजू जे जै जो जौजजः सर्वजनवश्यं कुरु २ स्वाहा श्री नमः ६
क्यूँ कम्यू क्रौ क्रौ क्रे ज्वालामालिनी देवी नमः क्रीं क्रू के क्राँ ऋः दुष्टा घभन् २ पर्यबन्ध परान् निट् ॐ फुट् स्वाहा ९
यूँ यूँ काँ काँ क्राँ ज्वालामालिनी देवी नमः वाँ व त्रोँ वँ व्रः दुष्टानानि वदनाविरुधवररमकयकार फुटू २ स्वाहा श्रीनमः १२
१०
लक्ष्मीः इदं यन्त्रम् । विधिः-दीपालिकायां कृष्णचतुर्दश्यां षष्ठव्रततपः कृत्वा पवित्री - भूत्वा अष्टगन्धकेन अगुरुधूपोत्क्षेपणपूर्वकं सदशपीताम्बरं परिधाय स्वर्णलेखिन्या लिखनीयम् । ततः षट्कोणैककुण्डं कृत्वा अष्टोत्तरशतसंख्येयनालीकेर पूगीलवंग जातीफलएलादिकपञ्चामृत सार्द्धपञ्चपञ्चसेरसंख्याकं अग्नौ जुहुयात् । संपूर्णम् ॥