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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रयोग-विधि जिस स्त्री को सदैव के लिए वश में करना हो, उसके 'स्मर सदन' में अपने 'मदनांकुश' को डाल कर अर्थात् सहवास करने की स्थिति में रहते हुए इस मन्त्र का १०००० की संख्या में जप किया जाय, तो वह सदा-सदा के लिए वशीभूत हो जाती है । स्त्री वशीकरण मन्त्र ( ६ ) शावर तन्त्र शास्त्र | ७५ मन्त्र - - " ह्रां अघोरे ह्रीं अघोरे ह्र घोर घोरतरे सर्व सर्वे नमस्ते रूपे ह्रः ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे विच्चे ।' साधन-विधि ग्रहण पर्व में १०००० की संख्या में जप करने से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है । प्रयोग-विधि - ॐ कामिनी रंजनि स्वाहा ।" साध्य - स्त्री को भोजन के लिए आमन्त्रित कर, उक्त सिद्ध मन्त्र द्वारा २१ बार अभिमन्त्रित भोजन-सामग्री को उसे खिला देने से वह सदैव के लिए वशीभूत हो जाती है । स्त्री वशीकरण मन्त्र ( ७ ) मन्त्र साधन-विधि- ग्रहण पर्व १०००० की संख्या में जप करने से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है । प्रयोग-विधि (१) आवश्यकता के समय उक्त सिद्ध मन्त्र को जिस साध्य स्त्री की हथेली पर अलक्त (अलता) द्वारा लिख दिया जाय, वह वशीभूत हो जाती है । For Private And Personal Use Only (२) रवि, गुरु तथा भौमवार इन तीन दिनों तक यह मन्त्र स्त्री की हथेली पर लिखते रहने से वह अवश्य वशीभूत होती है ।
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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