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( 5 ) जोगी, लोना चमारी आदि सिद्ध-पुरुष भी शावर-मन्त्रों के जनक एवम् प्रवर्तक माने जाते हैं।
'शावर मन्त्रों-तन्त्रों के जन्म दाता भी महान् तान्त्रिक भगवान् शंकर के भक्त थे, अतः उनके द्वारा विरचित मन्त्रादि को भगवान शंकर ने सफल होने का आशीर्वाद दिया-ऐसी भी मान्यता है। बहरहाल गोस्वामी तुलसीदास ने भी "जनमिल भवर मन्त्र न जापू, प्रगट प्रभाव महेश प्रतापू" महकर शावर
मन्त्रों के महत्व को स्वीकारा है।। - शावर मन्त्रों के संग्रह ग्रन्थों के नाम पर वर्तमान समय में अनेक
पुस्तकें बाजार में उपलब्ध हैं, परन्तु उनमें से अधिकांश अशुरु, असंगत एवम् दिग्भ्रमित करने वाली ही हैं। उनमें उल्लिखित प्रयोग साधक के लिए लाभ के स्थान पर हानिकारक ही सिद्ध होते हैं ।
प्रस्तुत पुस्तक की सामिग्नी 'शावर मन्त्र-तन्त्र' विषयक दुर्लभ, प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों एवं ऐतद् विषयक अनुभवी विद्वानों की कृपा से उपलब्ध की गई है । अत: इस ग्रन्थ में संकलित मन्त्र-तन्त्र-यन्त्रादि साधकों के लिये उपयोगी
एवम् हितकर सिद्ध होंगे, ऐसी आशा है। - जहाँ तक सम्भव हो सका है इस संकलन में प्रामाणिक एवम् विश्व
सनीय प्रयोग ही संकलित किये गये हैं, तथापि इनकी सफलता साधक की सच्ची
लगन एवम् साधना पर ही निर्भर करेगी-इसमें सन्देह नहीं है। - हमें विश्वास है कि 'शावर-तन्त्र' के जिज्ञासुओं के लिए यह ग्रन्थ मार्ग-दर्शक सिद्ध होगा।
आगरा महाशिवरात्रि 1986 ई०
राजेश दीक्षित
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