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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वशीकरण-प्रयोग वशीकरण के विषय में _ 'वशीकरण' का अर्थ है-किसी व्यक्ति अथवा प्राणी को अपने वश में करना । स्व-वशीभूत किये गये प्राणी से इच्छित कार्य सम्पन्न कराया जा सकता है। इस प्रकरण में विविध प्रकार के वशीकरण मन्त्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं। वशीकरण मन्त्रों का प्रयोग अधिकतर किसी स्त्री अथवा पुरुष को वश में करने के लिए किया जाता है। इनके अतिरिक्त कभी-कभी वेश्या, शत्र, राजा, राज-कर्मचारी आदि को वशीभूत करने की आवश्यकता भी पड़ती है। न्यायालय में चल रहे किसी विवाद के समय जब यह अनभव हो कि राजा अथवा न्यायाधीश विरोध पक्ष से सहमत होकर दण्ड देने पर उतारू है-उस समय राजा अथवा राज-कर्मचारी विषयक वशीकरणसाधनों का प्रयोग स्व-पक्ष के लिए हितकर सिद्ध होता है। इसी प्रकार जब यह अनुभव हो कि कोई शत्र, स्त्री, पुरुष अथवा वेश्या अपने से प्रतिकूल होकर हानि पहुंचा सकते हैं। तो भी वशीकरण मन्त्रों का प्रयोग करना उचित रहता है। __ पति के विमुख होने पर पति-वशीकरण एवं स्त्री के विमुख होने पर स्त्री-वशीकरण सम्बन्धी प्रयोगों का साधन करना चाहिए। किसी कुमारी कन्या अथवा पर-स्त्री को वशीभूत करने के लिए वशीकरण मन्त्रों का प्रयोग तब तक वजित माना गया है, जब तक कि वैसा करना अपने व्यापक-हित के लिए नितान्त ही आवश्यक अनुभव न हो। वशीकरण प्रयोग (१) इस प्रयोग की सिद्धि आगे लिखे अनुसार की जाती है। सर्व प्रथम अग्रलिखित विनियोग वाक्य का उच्चारण करें For Private And Personal Use Only
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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