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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन्त्र गणना (उपयुक्त मन्त्र का चयन कैसे करें ?) लेखक-डा. वाई. डी० गहराना विवाह से पूर्व वर कन्या के सम्बन्धों के भविष्य के बारे में गणना करना जितना जटिल होता है उतना ही संवेदनशील और जटिल कार्य किसी व्यक्ति के लिए मन्त्र का चयन करना है । आप देखेंगे कि एक ही प्रकार के कार्य के लिए अनेकों मन्त्र दिये जाते हैं। ये सभी मन्त्र प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपयुक्त नहीं होते। बाजार में बीसियों प्रकार के टॉनिक उपलब्ध होते हैं परन्तु प्रत्येक टॉनिक हर एक रोगी के लिए उपयुक्त नहीं होता । डाक्टर औषधि-संयोजन का ध्यान रखते हए ही रोगी को किसी विशेष टॉनिक को लेने की सलाह देता है। इसी प्रकार शब्द संयोजन का ध्यान रखते हुए ही गुरु किसी मन्त्र का उपदेश करता है। मन्त्र के चयन, मन्त्रा की दीक्षा और मन्त्र की साधना-इन तीनों में से किसी कार्य में भी थोड़ी सी असावधानी हो जाने पर सिद्धि नहीं मिलती है। मन्त्र का चयन 'मन्त्र-गणना' के आधार पर किया जाता है। अच्छा यह होगा कि मन्त्र गणना की बात करने से पूर्व मन्त्रों के प्रभाव की वैज्ञानिक प्रक्रिया को समझ लिया जाय- . आज के विज्ञान का आधुनिकतम यन्त्र रैडार है। इसमें एक एन्टिना होता है, जिसके द्वारा रेडार अपनी तरंगों को आकाश में प्रसारित करता है। कुछ तरंगें आकाश में उड़तो हुई वस्तु से टकराकर वापस आती हैं जों पुनः रडार के उसी एन्टिना द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं, जिन्हें रडार में विशेष प्रक्रियाओं द्वारा पर्दे पर देखा जाता है और इस प्रकार आकाश में उड़ते हुए वायुयान. बादल आदि की दूरी, दिशा, ऊँचाई आदि की गणना रडार द्वारा कर ली जाती है। यदि हम अपने मन्त्र विज्ञान पर ध्यान दें तो ऐसा आभास होगा कि शायद हमारे मन्त्र विज्ञान का रहस्य जान लेने के बाद ही रडार का निर्माण हुआ है । . मानव के अन्दर जो चैतन्य सत्ता है उसे विद्वानों वे "आत्मा" कहा For Private And Personal Use Only
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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