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२५० शावर तन्त्र शास्त्र
श्री हनुमत् प्रसन्न यन्त्र
| नं
द
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साथ में दिये यंत्र को भोजपत्र अथवा कागज के ऊपर अष्टगंध द्वारा सवा लाख की संख्या में लिखने से हनुमान जी प्रसन्न होकर साधक की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं । लेखनोपरान्त यन्त्र का धूप, दीपादि से पूजन भी करना चाहिए।
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32
(श्री हनुमत्-प्रसन्न यन्त्र ) धु त-विजयप्रद यन्त्र
२५॥
२३/
२३॥
३२॥20॥ ३५॥३६॥
__साथ में दिये यन्त्र को अष्टगंध द्वारा भोजपत्र पर लिखकर धूप, दीप, पुष्पादि से पूजन करें, तदुपरान्त इसे ताबीज में भरकर दाई भुजा में बाँध लें और जुआ खेलें तो जुए में जीत होती है।
| 20
२६।
M५॥ ४॥
.. (धूत-विजयप्रदं यन्त्र)
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