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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org शावर तन्त्र शास्त्र | २३६ दूर करना हो, उसके शरीर पर एक दो कंकड़ी मन्त्र पढ़ते हुए मारे तो मन्त्रादि के किये -कराये का प्रभाव दूर होता है । कृषि एवं आत्म-रक्षक मन्त्र मन्त्र -- " उलदथि नरसिंह पलदथि काया, रक्षा करधि नरसिंह राया ।" साधन एवं प्रयोग विधि - इस मन्त्र को आवश्यकतानुसार १०८ की संख्या में जपना चाहिए । यह मन्त्र कृषि की तथा शरीर की रक्षा करता है । पशु- दुग्ध-वर्द्धक मन्त्र मन्त्र - "ॐ हुकारिणी प्रसर शीतत ।" Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मन्त्र प्रयोग-विधि करके। इस मन्त्र द्वारा यदि पशुओं के खाद्य तृण धान्य आदि को अभिमन्त्रित पशु को खिलाया जाय तो वे दूध अधिक देते हैं। गाय, भैंस, बकरी आदि दुधारु पशुओं के चारे को इस मन्त्र द्वारा अभिमन्त्रित करके देना उत्तम रहता है । 4 मेघ-स्तम्भन का मन्त्र "ॐ नमो भगवते रुद्रायं जल स्तम्भय स्तम्भय ० : : स्वाहा ।" - प्रयोग विधि मार्ग में अथवा रोटी करते समय यदि पानी बरसने लगे तो श्मशान के कोयले को सुलगा कर उसके ऊपर एक ईंट को उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करके रख देने से पानी बरसना बन्द हो जाता है । " यात्रा में आराम पाने का मन्त्र *....................................................... मन्त्र -- "गच्छ गौतम शीघ्र त्वं ग्रामेषु नगरेषु च । आसनं वसनं शैया तांबूलं यज कल्पयेत् । " . For Private And Personal Use Only
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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