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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२२ | शावर तन्त्र शास्त्र फिर प्रतिदिन १००० की संख्या में उक्त मन्त्र का जप करें तथा जप के उपरान्त १०० आहुतियाँ देकर होम करें । ११ दिन के पहले प्रयोग में शक्कर, घृत तथा शहद की आहुतियों से होम करना चाहिए । उक्त विधि से जप- होम करने से साधक की कामना पूर्ण होती है। यदि पहली बार में न हो तो इसी प्रक्रिया को दूसरी तथा तीसरी बार भी दुहराना चाहिए। तीसरी बार के प्रयोग के पश्चात् तो कामना पूर्ति में किसी प्रकार का सन्देह ही नहीं रह जाता । सहदेई कल्प मन्त्र मन्त्र — ॐ नमो भगवती मातङ्गी सर्वन्नतेश्वरी सर्व मनहरणी सर्व लोक वशीकरणी सर्व सुख रंजनी महामाये लघु लघु वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।" साधन-विधि कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन वृत रखकर सहदेई (एक प्रकार की बूटी) को न्यौत आवें । फिर दूसरे दिन नवमी को प्रातः काल उसे उखाड़ कर घर ले आयें। वहाँ उसे सामने रखकर ६ रात्रि तक उक्त मन्त्र को अनिश्चित संख्या में जप कर सिद्ध कर लें। यदि ६ दिन में सिद्धि प्राप्त न हो तो १४ दिन तक मन्त्र जप करना चाहिए। जप का क्रम टूटे नहीं । प्रयोग-विधि मन्त्र सिद्ध सहदेई के प्रयोग निम्नलिखित हैं (क) सहदेई को चूर्ण करके जिसके मस्तक पर डाल दिया जायगा, वह वश में हो जायगा । (ख) उक्त चूर्ण को पान में रख कर जिसे खिला दिया जायगा, वह वशीभूत होगा । (ग) उक्त चूर्ण में गोरोचन मिला कर अपने ललाट पर तिलक लगायें, फिर जिसे देखें, वही वशीभूत हो । (घ) उक्त चूर्ण को काजल में मिलाकर आँख में डालकर, जिसे देखें, वह वशीभूत हो । For Private And Personal Use Only
SR No.020671
Book TitleShavar Tantra Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Dikshit
PublisherDeep Publications
Publication Year1994
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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