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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra महाभारत और सत्यशासन-परीक्षा भगवद्गीता और सत्यशासन-परीक्षा ब्रह्मसूत्र और सत्यशासन-परीक्षा सांख्यकारिका और सत्यशासन-परीक्षा न्यायसूत्र और सत्यशासन-परीक्षा सौन्दरनन्द और सत्यशासन-परीक्षा प्रशस्तपादभाष्य और सत्यशासन-परीक्षा श्रृंगारशतक और सत्यशासनं परीक्षा मीमांसा लोकवार्तक और सत्यशासन-परीक्षा प्रमाणवार्तिक और सत्यशासन - परीक्षा न्यायबिन्दु और सत्यशासन-परीक्षा हेतुबिन्दुटीका और सत्यशासन-परीक्षा प्रमाणवार्तिकालंकार और सत्यशासन परीक्षा ५. ग्रन्थकार- परिचय araसंग्रह और सत्यशासन-परीक्षा ब्रह्मसिद्धि और सत्यशासन-परीक्षा सम्बन्धवार्तिक और सत्यशासन-परीक्षा विद्यानन्द और उनका युग विद्यानन्दिका समय विद्यानन्दकी रचनाएँ तत्वार्थ श्लोक वार्तिक www.kobatirth.org सत्यशासन-परीक्षा स्री या देवागमालङ्कार युक्त्यनुशासनालङ्कार विद्यानन्द महोदय आप्त- परीक्षा प्रमाण-परीक्षा पत्र- परीक्षा सत्यशासन परीक्षा श्रीपुरपार्श्वनाथ स्तोत्र ६. विद्यानन्दिके समग्र अध्ययनकी आवश्यकता मूलग्रन्थ मंगलाचरण और प्रन्थ-प्रतिज्ञा पुरुषाद्वैत आदि चौदह शासन Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir परब्रह्माद्वैतशासन-परीक्षा [ पूर्वपक्ष ] ब्रह्म एक तथा अद्वितीय है। एक ही ब्रह्म अनेक जड़-चेतन में भिन्न-भिन्न प्रकार से दिखायी देता है। विवर्तवाद ब्रह्मसे प्रपन्चकी उत्पत्ति For Private And Personal Use Only २३ २३ २३ २४ २४ २५ २५ २५ २६ २६ २७ २७ २७ २८ २८ २८ २८-३४ २८ २९ ३२ ३२ ३२ .३२ ३३ ३३ 2 30 20 30 ३३ ३४ ३४ ३.४ ३४ १-४७ १ १ १-१० २ २ २
SR No.020664
Book TitleSatyashasan Pariksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyanandi Acharya, Gokulchandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1964
Total Pages163
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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