________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 818 ) मेषि दे० 'मेथि। भेड़ 2. मेष राशि। सम० अण्डः इन्द्र का विशेषण, मेध्य (वि.) (मेधु-- प्रयत् मेधाय हित यत् वा] 1. यज्ञ कम्बलः एक ऊनी कंबल या धुस्सा, पालः,-पालकः के लिए उपयुक्त -याज्ञ० 12194; मनु० 5 / 54 गडरिया, -मांसम् भेड़ या बकरे का मांस, यूथम् 2. यज्ञ संबंधी, यज्ञीय - मेध्येनाश्वेनेजे, रघु०१३।५, भेड़ों का रेवड़। 3. विशद्ध, पूण्यशील, पवित्रात्मा; रघु० 1484, मेषा [मिष्यतेऽसौ मिष+घा+टाप छोटी इलायची। 3131, 14 / 81, - ध्यः 1. बकरा 2. खैर का पेड़ | मेषिका, मेषी | मेष |-कन्+टाप, इत्वम्, मेष+ङीष् ] 3. जौ (मेदिनी के अनुसार), -ध्या कुछ पौधों के | भेड़ (मादा)। नाम / | मेहः [मिह +घञ ] 1. लघुशंका करना, मूत्र करना मेनका [मन्+बुन् अकारस्य एत्वम्] 1. एक अप्सरा 2. मूत्र 3. मूत्र संबंधी रोग 4. मेंढा 5. बकरा / (शकुन्तला की माता) का नाम 2. हिमालय की पत्नी | सम० नी हल्दी। का नाम / सम० ---आत्मजा पार्वती का नाम / मेहनम् [मिह + ल्युट् ] 1. मत्रोत्सर्ग करना 2. मूत्र मेना [मान-।-इनन्, नि० साध] 1. हिमालय की पत्नी का 3. लिंग। नाम---मेना मुनीनामपि माननीयां (उपयमे) कु० | मैत्र (वि.) (स्त्री....त्री) [ मित्र- अण ] 1. मित्रसंबंधी 118, 5 / 5 2. एक नदी का नाम / 2. मित्र द्वारा दिया गया 3. दोस्ताना, कृपापूर्ण, मेनावः [मे इति नादोऽस्य] 1. मोर 2. बिलाव 3. बकरा / सौहार्दपूर्ण, कृपालु मनु० 2 / 87, भग० 12013 मेधिका, मेधी (स्त्री०) एक पौधा जिसे महंदी कहते है 4. मित्र नाम के देवता से संबंध रखने वाला (जसा (इसके पत्तों से लाल सा रंग निकाला जाता है, कि 'महत) कु० 76, त्रः 1. ऊँचा या पूर्ण जिससे कि अंगुलियों के नाखून, पैरों के तले तथा ब्राह्मण 2. एक विशेष वर्णसंकर जाति मनु० 10 // हाथ की हथेलियां रंगी जाती है)। 23 3. गदा, त्री 1. मित्रता, दोस्ती, सद्भाव मेए (म्वा० आ० मेपते) जाना, हिलना-जुलना।। 2. घनिष्ठ संबंध या साहचर्य, मिलाप, संपर्क -- मेय (वि.) मा (मि)+यत्] 1. नापने योग्य, जो प्रत्यपेषु स्फुटितकमलामोदमैत्रीकषायः मेघ० 31 नापा जा सके 2. जिसका अनुमान लगाया जा सके 3. अनुराधा नाम का नक्षत्र, त्रम् 1. मित्रता, दोस्ती 3. पहचाने जाने के योग्य, ज्ञेय, जो जाना जा सके। 2. मलोत्सर्ग करना-मनु० 4 / 1523. अनुराधा नाम मेकः [मि-1-1 | उपाख्यानों में वर्णित एक पर्वत का नाम का नक्षत्र, (इसी अर्थ में 'मैत्रभम' शब्द भी)। (ऐसा माना जाता है कि समस्त ग्रह इसके चारों मैत्रकम [ मैत्र--कन् ] मित्रता, दोस्ती। ओर घूमते हैं, यह भी कहते है कि मेरु सोने और मैत्रावरुणः [मित्रश्च वरुणश्च द्व० स०, मित्रस्यानङ; रत्नों से भरा हुआ है) -विभज्य मेरुन यथिसात्कृतः मित्रावरुण+अण] 1. वाल्मीकि का विशेषण --0 1 / 16. स्वात्मन्येव समाप्तहेममहिमा मेरुन / 2. अगस्त्य का विशेषण 3. यज्ञ के प्रतिनिधि ऋत्विजों मे रोचते......भर्तृ 3 / 151 2. रुद्राक्षमाला के बीच का ___में से एक। गरिया 3. हार के बीच की मणि / सम०-धामन् मंत्रावरुणिः [ मित्रावरुण --इन 11. अगस्त्य का विशेषण (पुं०) शिव का विशेषण, -- यन्त्रम् तकुवे के आकार | | 2. वशिष्ठ का विशेषण 3. वाल्मीकि का विशेषण / की बनी एक आकृति। मैत्रेय (वि.) (स्त्री० - यो) [ मैत्रे मित्रतायां साधुः, मेरुकः [मेरु किन धूप, धूनी / मैत्र-दन 1 दोस्त या मित्र से संबंध रखने वाला, मेलः [मिल +घञ्] मिलाप, एकता, संलाप, समवाय, दोस्ताना,-यः एक वर्णसंकर जाति का नाम / सभा ('मेलक' भी)। मैत्रेयकः [मैत्रेय+कन् ] एक वर्णसंकर जाति का नाम मेलनम् [मिल+णिच् + ल्युट] 1. एकता, संयोग ____ मनु० 10 // 33 / 2. समाज 3. मिश्रण / मैत्रेयिका [ मैत्रेयक+टाप, इत्वम् ] मित्रों या मित्रराष्ट्रों मेला [मिल+णिच् +अच् +टाप्] 1. मिलना, समागम में संघर्ष, मित्रयुद्ध / 2. समवाय, सभा, समाज 3. सुर्मा 4. नील का पौधा ! मैत्र्यम् [ मित्र+ष्यत्र 1 मित्रता, दोस्ती, मैत्री। 5. स्याही, मसी 6. संगीत की माप, स्वरग्राम / | मैथिल: [मिथिलायां भव:-अण] मिथिला का राजा सम० ... अन्धुकः,-अम्बुः मन्दः, नन्दा -- मन्दा कलम रघु० 11 // 32, ४८,-ली सीता का नाम-रघु० दान, दवात / 12 / 29 / मेव (म्वा० आ० मेवते) पूजा करना, सेवा करना, टहल मधुन (वि०) (स्त्री०-नी) [ मिथुनेन निवृत्तम्-अण् ] करना। 1. युग्ममय, जुड़ा हुआ 2. विवाहसूत्र में आबद्ध मेषः [ मिषति अन्योऽन्य स्पर्धते –मिष-+-अच् ] 1. मेढ़ा,। 3. संभोग से संबन्ध रखने वाला,-नम् 1. रति क्रीडा, For Private and Personal Use Only