SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 788
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 779 ) बन्दर का बच्चा, -वासः मकड़ी का जाला, शीर्षम् | भेद / सम०- अतिग (वि०) मर्मवेधी-शि० 20 // सिंदूर। 70 .... अन्वेषणम् 1. शलाकापरीक्षण करना 2. मर्कटकः [मर्कट+कन्] 1. लंगूर 2. मकड़ी 3. एक दुर्बल और आलोच्य बातों की जांच पड़ताल करना, प्रकार की मछली 4. एक प्रकार का अनाज, धान्य -आवरणम् कवच, जिरहबख्तर,- आविष,-उपविशेष / धातिन् (वि०) (हृदय के) मर्म स्थलों को बेचने मर्करा [म + अर+टाप्] 1 पात्र, बर्तन 2. अन्तःकक्षीय वाला - महावी० ३३१०,कील: पति,—ग (वि.) छिद्र, सुरंग, विवर, खोह, गुफा 3. बांझ स्त्री। मर्मभेदी, तीव्र, घोर,-छन (वि०) मूल पर आघात म (चुरा० उभ०.---मर्चयति--ते) 1. लेना 2. साफ करने वाला, अत्यन्त पीडाकर,-चरम् हृदय,-छिद्, करना 3. शब्द करना। -भिद् (इसी प्रकार छेदिन्, भेदिन्) (वि०) मर्ममर्जुः [मृज् +ऊJ1. धोबी 2. इल्लती, लौंडा, (स्त्री०) साफ स्थानों का भेदने वाला, हृदय पर चोट करने वाला, करना, घोना, पवित्र करना। अत्यन्त कष्टदायक -उत्तर० 3 / 31 2. प्राणघातक मतः मृ+तन्] 1. मनुष्य, मानव, मर्त्य 2. भूलोक, चोट करने वाला, प्राणहर, (वि०),-विद् मर्त्यलोक। (वि.) 1. दूसरे के दोष या दुर्बलताओं को जानने मर्य (वि०) [मर्त +यत्] मरणशील, त्यः 1. मरणधर्मा, वाला 2. किसी विषय की अत्यन्त गढ बातों को मानव, मनुष्य--मनु० 5 / 97 2. मर्त्यलोक, भूलोक समझने वाला 3. किसी विषय गहरी अन्तर्दृष्टि रखने -य॑म् शरीर। सम-धर्मः मरणशीलता, धर्मन् वाला, अत्यन्त निपुण या चतुर, (-) कोई भी (वि.) मरणशील आदमी,--निवासिन् (पु.) मनुष्य, प्रकांड विद्वान्,-त्रम् जिरहबख्तर,-.-पारग (वि०) मानव,-भावः मानव-स्वभाव,-भुवनम् मत्र्यलोक, गहन अन्तर्दृष्टि रखने वाला, पूरा जानकार, दूसरे के भूलोक, सहित, देवता, मुखः किन्नर, इसका मुख रहस्यों को जानने वाला,-भेवः 1. मर्मस्थानों को मनुष्य के मुख जैसा तथा और शेष शरीर जानवर के छेदना 2. दूसरों के रहस्य या दुर्बलताओं को प्रकट शरीर जैसा होता है, यह कुबेर का सेवक समझा करना,-भेदनः,-भेविन् (पुं०) बाण, तीर,-विद् जाता है),--लोकः मनुष्यलोक, भूलोक ---क्षीणे पुण्ये दे० 'मर्मज्ञ',-स्थलम,- स्थानम् 1. भावप्रवण या मर्त्यलोकं विशन्ति-भग० 9 / 21 / सजीव भाग 2. कमजोरियाँ, आलोच्य बातें,- स्पश 1. मर्मस्पर्शी, हृदयस्पर्शी 2. अतितीब्र, तीक्ष्ण, तेज या मर्द (वि०) [ मद्+धा | कुचलने वाला, चूर चूर कर देने वाला, पीसने वाला, नष्ट करने वाला (समास के कटु (शब्द आदि)। अन्त में प्रयोग), दः 1. पीसना, चरा करना 2. प्रबल ममर (वि०) [ मृ+अरन्, मुटु च ] (पत्तों की) खड़प्रहार। खड़ाहट, (वस्त्रों की) सरसराहट --- तीरेषु तालीवनमर्दन (वि.) (स्त्री०. नी) [ मृद् + ल्युट ] कुचलने | मर्म रेषु-रघु०६।५७, 4 / 73, 1941, मदोद्धताः वालां, पीसने वाला, नष्ट करने वाला, सताने वाला प्रत्यनिलं विचेरुवनस्थलीमर्मरपत्रमोक्षा:--कु० 3 / 31, -नम् 1. कुचलना, पीसना 2. रगड़ना, मालिश - 1. खरखराहट की ध्वनि 2. सरसराहट। करना 3. लेप कस्ता (उबटन आदि से) 4. दबाना, मर्मरी [मर्मर+ङीष् ] 1. देवदारु का एक भेद 2. हल्दी। माडना 5. पीड़ा देना, सताना, कष्ट देना 6. नष्ट मर्मरीकः [मृ+ईकन्, मुट् ] 1. निर्धन पुरुष, गरीब 2. दुष्ट करना, उजाडना। मनुष्य। मर्दलः [ मर्द-+ला--क] एक प्रकार का ढोल -- शि० | मर्या [ मृ+यत्+टाप् ] सीमा, हद / 6 / 31, ऋतु०२।१। मर्यादा [ मर्यायां सीमाया दीयते मर्यादा+अ+टाप्] मर्ब (भ्वा० पर० मर्बति) जाना, हिलना-जुलना। 1. सीमा, हद (आलं से भी) छोर, सीमान्त, सरहद, मर्मन् (नपुं०)[म+मनिन् | शरीर का सजीव प्राण- किनारा-- मर्यादाव्यतिक्रमः- पंच 1 2. अन्त, अब मूलक भाग, जीवाधारक - तथैव तीब्रो हृदि शोक- सान, अन्तिम मंजिल, उद्देश्य 3. तट, किनारा 4. शंकूर्मर्माणि कृन्तन्नपि किं न सोढः---उत्तर० 2 / 35, चिह्न, सीमाचिह्न 5 नीति का बंधन, निश्चित प्रथा याज्ञ० 11153 भट्टि० 16 / 15, स्वहृदयमर्मणि वर्म या व्यवस्थित नियम, नैतिक विधि 6. शिष्टाचार या करोति - गीत० 4 2. कोई भी दुर्बल या आलोच्य औचित्य का नियम, औचित्य की सीमा, सदाचरण का बिन्दु, दोष, त्रुटि 3. अन्तल्तल, सजीव 4. (किसी औचित्य-आस्तातापवादभिन्नमर्याद–उत्तर० 5, भी अंग का) सन्धिस्थान 5. गूढार्थ, (किसी बात पंच० 11142 7. संविदा, अनुबंध, करार। सम० का) तत्त्व-काव्यमर्म प्रकाशिका टीका; नत्वा ---अचलः,-गिरिः,- पर्वतः सरहद पर स्थित पहाड़, गंगाधरं मर्मप्रकाशं तनुते गुरुम-नागेश. 6. रहस्य ---भेदक: सीमाचिह्नों को नष्ट करने वाला। For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy