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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आपछा ( 600 ) पाकलः [पाक+ला-|-2] 1. आग 2. हवा 3. हाथी | पांचजन्यः [पंचजन+ज्य] कृष्ण के शंख का नाम-(दधानो) का ज्वर-तु० कुटपाकल / निध्वानमधूयत पांचजन्यः--- शि 3 / 21, भग० 1 / 15 / पाकिम (वि०) [पाकेन निवृत्तम्-पाक-इमप्] 1. पका | सम-धरः कृष्ण का विशेषण। हुआ, प्रसाधित 2. (प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से) | पांचवश (वि०) (स्त्री०-शी) [पंचदशी+अण् ] मास पका हुआ 3. नमक आदि) उबाल कर प्राप्त किया की पन्द्रहवीं तिथि से संबंध रखने वाला। हुआ। पांचवश्यम् [पंचदशन्+व्यत्र] पन्द्रह का समुच्चय / पाकः, पाकुकः [पच् + उण, क आदेशः] रसोइया। पांचव (वि.) [पंचनद+अण्] पंचनद या पंजाब में पाक्य (वि.) [पच्-1-ण्यत्, क आदेशः] पकाने के योग्य प्रचलित / प्रसाधित होने के लायक, परिपक्व होन के योग्य, पांचभौतिक (वि.) (स्त्री-की) |पंचभूत+ठक, द्विपद---क्यः जवाखार शोरा। वृद्धि] पाँच तत्त्वों के समूह से बना हुआ, या पांच पाक्ष (वि०) (स्त्री०क्षी) [पक्ष+अण्] 1. (कृष्ण या तत्त्वों वाला, पांच भौतिकी सृष्टि:- महावी० 6, शुक्ल) पक्ष से संबंध रखने वाला, पाक्षिक 2. किसी याज्ञ० 3 / 175 // दल या पार्टी से संबद्ध / पांचवषिक (वि.) [पंचवर्ष + ठा] पाँच वर्ष का। पाक्षिक (वि.) (स्त्री०की) [पक्ष+ ठक] 1. पक्ष से | पाचशम्विकम् | पंचशब्द-ठक | 1. पाँच प्रकार का संगीत संबद्ध, अर्धमासिक 2. पक्षी से संबद्ध 3. किसी दल | 2. गायन संबंधी वाद्ययंत्र / या पार्टी का पक्ष लेने वाला 4. तर्क विषयक | पांचाल (वि.) (स्त्री०-ली) [पंचाल-|-अण] पंचाल से 5. ऐच्छिक, वैकल्पिक, अनमत परन्तु विशेष रूप से संबद्ध या पंचालों के शासक, --ल: 1. पंचालों का निर्धारित न हो-नियमः पाक्षिके सति,-कः बहेलिया, देश 2. पंचालों का राजकुमार, लाः (पुं०५०) चिड़ीमार। पंचाल देश के लोग। पाखंडः [पातीति--पा+विवप, पा: त्रयीधर्मः, तं खण्ड- | पांचालिका [पांचाली-+कप्---टाप, हस्वः गुड़िया, पुतली यति - पा-खण्ड / अच् विधर्मी, नास्तिक --पाखंड- स्तन्य त्यागात्प्रभति सुमुखी दंत पांचालिकेव क्रीडाचंडालयोः, पापारभकयोमगीव वृकयोर्भीरुर्गता गोचरम् | योगं तदनु विनयं प्रापिता वर्धिता च --मा० 105 / -----मा० 5 / 24, दुरात्मन् पाखंड चंडाल-मा० 5 / पांचाली [पांचाल-|-अण+ डीप ] 1. पंचाल देश की राज पागल ( वि०-) [ पारक्षणम्, तस्मात् गलति विच्युतो कुमारी या स्त्री 2. पांडवों की पत्नी, द्रौपदी 3. भवति ---पा-गल-अच] विक्षिप्त, जिसका दिमाग गुड़िया, पुतली 4. (अलं०) रचना की चार शैलियों खरान हो। में से एक सा० द० द्वारा दी गई परिभाषा---वर्णः पांक्तेय, पांक्स्य (वि.) [पंक्ति-- ढक, यत् वा] 1. भोजन शेषः (अर्थात् माधुर्यव्यजकोजः प्रकाशकाभ्यां भिन्नैः) पंक्ति में एक साथ बैठने के योग्य 2. साहचर्य के पुनर्वयोः, समस्त पंचषपदो बंध: पांचालिको मतः उपयुक्त / 628 / पाचक (वि०) [पच--वल] 1. पकाना, सेकना 2. पचाने पाट (अव्य.) [पट ---णिच+क्विप् ] एक अव्यय जो वाला, पौष्टिक कः 1. रसोइया 2. आग, कम् 'बुलाने के लिए---अर्थात् संबोधन के रूप में प्रयुक्त पित। सम० - स्त्री महाराजिन, रसोई बनाने वाली हो जाता है। पाटकः | पट / णिच् -- ण्वल ] 1. विदारक, विभाजक 2. पाचन (वि.) (स्त्री०-नो) [ प +णि + ल्युट ] गाँव का एक भाग 3. गाँव का आधा हिस्सा 4. एक 1. पकाने वाला 2. पकने वाला 3. पचाने वाला, प्रकार का संगीत-उपकरण 5. तक, किनारा 6. घाट हाजिम, -न: 1. आग 2. खटास, अम्लता, नम् की चौड़ियाँ 7. मूलधन या पंजी की हानि 8. वित्ता 1. पकाने की क्रिया 2. पकने की क्रिया 3. घुलन- या बालिश्तं 1. पासे फेंकना। शील, भोजन पचाने वाली औषधि 4. घाव भरना पाटच्चरः [ पाटयन् छिन्दन् चरति चर--अम्, पृषो०] 5. तपस्या, प्रायश्चित्त / चोर, लुटेरा, पाड़ लगाने वाला, कुसुमरसपाटच्चरः पाचलः [पच्+णिच+कलन ] 1. रसोइया 2. आग -श० 6, पद्मिनीपरिमलालिपाटच्चरः .. भामि० 3. हवा, लम् पकाना, परिपक्व करना। 2175 / पाचा [पच्-।-णिच् +अङटाप्] पकाना। पाटनम् [ पट+णिचु+ल्युट ] विदीर्ण करना, तोड़ना, पांचकपाल (वि.) (स्त्री०-ली) [ पंचकपाल+अण् ] फाड़ना, नष्ट करना। पाँच कपालों में भर कर दी गई आहुति से संबंध | पाटल (वि.) [पट-+-णिच / कलच ] पीतरक्त वर्ण, रखने वाला। गुलाबी रंग, अग्रे स्त्री नखपाटलमं कुरबकम् -विक्रम् / For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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