SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 49
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सा सखि लुम्पसियत है);2 तजीलाब्ध ( ४० ) अनुबलम् [प्रा० स०] पीछे स्थित सैन्यदल, मुख्य सेना की | अनुमंत्रणम् [ अनु+मन्त्र+णिच् + ल्युट् ] मंत्रों द्वारा रक्षा के लिए पीछे आती हुई सहायक सेना। | आवाहन या प्रतिष्ठा । अनुबोधः [ अनु+बुध+णि+घ ] 1 बाद का विचार, अनुमरणम् [ अनु+म+ल्युट् ] पीछे मरना-तन्मरणे प्रत्यास्मरण, 2 कम पड़ी हुई सुगंध को पुनर्जीवित | चानुमरणं करिष्यामीति मे निश्चयः-हि० ३; विधवा करना। का सती होना। अनुबोधनम् [अनु + बुध् + ल्युट्] प्रत्यास्मरण, पुनःस्मरण। अनुमा [ मा+अझ ] अनुमिति, दिये हुए कारणों से अनुअनुभवः [अनु++अप्] 1 साक्षात् प्रत्यक्ष ज्ञान, मान, दे० अनुमिति । व्यक्तिगत निरीक्षण और प्रयोग से प्राप्त ज्ञान, मन के | अनुमानम् [ अनु+मा+ल्युट्] 1 अनुमिति के साधन द्वारा संस्कार जो स्मृतिजन्य न हों ज्ञान का एक भेद, दे० किसी निर्णय पर पहुँचना, दिये हुए कारणों से अनुतर्क० ३४, (नैयायिक ज्ञान प्राप्ति के प्रत्यक्ष, अनुमान, मान लगाना, अनुमान, उपसंहार, न्याय शास्त्र के अनुउपमान और शब्द नामक चार साधन मानते हैं; सार ज्ञान प्राप्ति के चार साधनों में से एक 2 अटकल, वेदान्ती और मीमांसक इनमें अर्थापत्ति और अनुपलब्धि अन्दाजा 3 सादृश्य 4 (सा. शा.) एक अलंकार नामक दो साधन और जोड़ देते है);2 तजुर्बा-अनुभवं जिसमें प्रमाण निर्धारित वस्तु का भाव अनोखे ढंग से वचसा सखि लुम्पसि----३० ४११०५; 3 समझ 4 फल, प्रकट किया जाता है- सा० ८० ७११--यत्र पतत्य परिणाम । सम०-सिख (वि.) अनुभव द्वारा ज्ञात । बलानां दृष्टिनिशिता पतन्ति तत्र शराः; तच्चापरोअनुभावः [अनु--भू+णिच् +घञ्] 1 मर्यादा, पितशरो धावत्यासां पुरः स्मरो मन्ये । दे० काव्य. व्यक्ति की मर्यादा या गौरव राजसी चमक दमक, १०। सम.--उक्तिः (स्त्री०) तर्कना, तर्क संगत वैभवशक्ति, बल, अधिकार,--(परिमेयपुरः सरो)। अनुमान । अनुभाव, विशेषात्तु सेनापरिवृताविव-रघु० ११३७;- | अनुमापक (वि.) [स्त्री० --पिका ] अनुमान कराने संभावनीयानभावा अस्याकृतिः -श० ७;२, (सा. वाला, जो अनुमान करने का आधार बन सके। शा० में) दृष्टि, संकेत आदि उपयुक्त लक्षणों द्वारा अनुमासः [प्रा० स०] आगामी महीना;--सम् (अव्य०) भावना का प्रकट करना,-भावं मनोगतं साक्षात् प्रतिमास । स्वगतं व्यंजयति येतेऽनुभावा इति ख्याताः, यथा भ्रूभंगः । अनुमितिः (स्त्री०) [ अनु+मा+क्तिन् ] दिये हुए कारणों कोपस्य व्यंजक:-दे० सा० द. १६२; 3 दृढ़ संकल्प से किसी निर्णय पर पहुंचना, वह ज्ञान जो निगमन विश्वास । द्वारा या न्यायसंगत तर्क द्वारा प्राप्त हो। अनुभावक (वि०) [ अनु + भू+णिच्+ण्वुल् ] अनुभव | अनुमेय (बि०) [ अनु+मा+यत् ] अनुमान के योग्य, कराने वाला, द्योतक। __ अनुमान किया जाने वाला--फलानुमेयाः प्रारम्भा:---- अनुभावनम् [ अनु + भू +णिच् + ल्युट् ] संकेत और इंगितों रघु० ॥२०॥ द्वारा भावनाओं का द्योतक । अनुमोदनम् [ अनु + मुद् + ल्युट् ] सहमति, समर्थन, अनुभाषणम [ अनु+भाष + ल्युट् ] 1 कही हई बात को स्वीकृति, सम्मति। खंडन के लिए फिर से कहना; 2 कही हुई बात की | अनुयाजः [ अनु+-यज्+घञ्] यज्ञीय अनुष्ठान का एक पुनरावृत्ति। ___ अंग, गौण या पूरक यज्ञानुष्ठान, [प्रायः 'अनूयाजः' अनुभूतिः (स्त्री०)-तु० अनुभव ।। लिखा जाता है 'अनुयाग' भी] । अनुभोगः--[ अनु+भुज+घा ] 1 उपभोग 2 की हुई | अनुयात (पु) [ अनु+या+तच ] अनुगामी। सेवा के बदले मिलने वाली माफी जमीन । अनुयात्रम्--त्रा [ अनु+यात+अण् स्त्रियां टाप् ] परिअनुभ्रातृ (पु०) । प्रा० स० ] छोटा भाई। जन, अनुचरवर्ग, सेवा करना, अनुसरण । अनुमत (वि०) [अनु+ मन्+क्त ] 1 सम्मत, अनुज्ञात, अनुयात्रिक: [अनुयात्रा+ठन् ] अनुचर, सेवक; इजाजत दिया हुआ, स्वीकृत, गमना-श० ४१९, श० श२। जाने के लिए अनुज्ञप्त 2 चाहा हुआ, प्रिय, ---तः प्रेमी | अनुयानम् [ अनु+या+ ल्युट् ] अनुसरण । -तम स्वीकृति, अनुमोदन, अनुज्ञप्ति । अनुयायिन् (वि.) [अनु+या+णिनि ] अनुगामी, सेवक, अनुमतिः (स्त्री०) [ अनु+मन+क्तिन् ] 1 अनुज्ञा, अनुवर्ती,-(पु.) पीछे चलने वाला (श आलं.) स्वीकृति, अनुमोदन 2 चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा। सम० --रामानुजानुयायिनः--परावलंबी या सेवक,-न्यषेधि -पत्रम् स्वीकृति सूचक पत्र या लेख । शेषोऽप्यनुयायिवर्ग:--रघु० २।४, १९।। अनुमननम् [ अनु+मन+ ल्युट् ] 1 स्वीकृति, रजामंदी 2 | अनुयोक्त (पुं०) [ अनु + युज्+तृच् ] परीक्षक, जिज्ञासु, स्वतंत्रता। अध्यापक। For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy