SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1320
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 7. सौन्दर्य 8. श्रेष्ठता 9. प्रेम, प्यार 10. कामकेलि, / भर्तव्य (वि०) [भू+तब्य ] 1. सहन करने या ढोने योग्य 11. योनि 12. गुण, धर्म 13. प्रयत्न 14. अरुचि, 2. भाड़े के योग्य, पालन पोषण किये जाने के विराग 15. मोक्ष 16. सामर्थ्य 17. सर्वशक्तिमत्ता योग्य / 18. प्रेम और विवाह की अधिष्ठात्री देवता आदित्य | भर्त (पुं०) [भू-+-तच ] 1. पति, 2. स्वामी 3. नेता, 19. ज्ञान 20. इच्छा 21. अणिमा। सम० ईशः सेनापति 4. पालक पोषक, रक्षक 5. सष्टिकर्ता भाग्य का देवता, काम (वि०) संभोग के आनंद का 6. विष्णु / सम० -चित्त (वि०) पति के विषय में इच्छुक, --वृत्तिः (स्त्री०) वेश्यावृति, वृत्ति (वि०) | सोचनेवाला, देवता पति को देवता मानना, वेश्यावृत्ति से निर्वाह करने वाला। लोकः पति का संसार, हार्यधन (वि.) जिसकी भगवत्पादाः आदि शंकराचार्य की सम्मान सूचक उपाधि / संपत्ति उसके स्वामी द्वारा जब्त की जा सके, . हीना भग्न (वि.) [भज+क्त ] 1. टूटा हुआ 2. हताश, पति द्वारा परित्यक्ता। विफल 3. अवरुद्ध, स्थगित 4. नष्ट 5. ध्वस्त भवः [भू-अप] 1. सत्ता, अस्तित्व 2. जन्म, उपज 6. ढाया हुआ। सम० अस्थि (वि०) जिसकी 3. स्रोत, उद्गम 4. सांसारिक सत्ता, सांसारिक जीवन हड्डियाँ टूड गई है,-कूबर (वि०) जिसका ऊपर 5. स्वास्थ्य, समृद्धि 6, देवता 7. शिव 8. अधिग्रहण, का ढाँचा टूट गया है (जसे रथ),-तालः (संगीत) प्राप्ति 9. श्रेष्ठता / सम० -- अप्रम् संसार का सबसे एक प्रकार की माप,-परिणाम (वि०) पूरा करने अधिक दुरवर्ती किनारा, -- भङ्गः जन्म मरण से मुक्ति, से रोकने वाला। -भावन (वि०) कल्याणकारी, भीर (वि०) भङ्गः [भज+घञ्] 1. (बुद्ध०) विश्व में निरन्तर संसार के अस्तित्व से डरने वाला,-भोगः सांसारिक होने वाला क्षय 2. (जैन) 'स्यात्' से आरम्भ होने सुखों का आनन्द लेना, - शेखरः चन्द्रमा,-संगिन् वाला तार्किक सूत्र / (वि०) भौतिक संसार में अनुरक्त,-संततिः (स्त्री०) भङ्गिः [भज+इन्, कुत्वम् ; स्त्रियां ङीष ] 1. टूटना जन्म मरण का तांता। 2. हिलना 3. झुकना 4. तरंग 5. बाढ़ 6. विशिष्ट | भवसु (वि०) [ब० स०] धनवान्, दौलतमंद / प्रथा, ढंग नानाश्रमलतापुष्पभङ्गीरचितकुन्तलाम् भवनम् [भ - ल्युट् ] जन्माङ्ग, जन्मकुंडली, जन्म-नक्षत्र / - भारत। सम० -- भाषणम् कूटनीति से युक्त भव्यमनस् (वि.) अच्छे सङ्कल्पों वाला। भाषण, विकारः अपनी मुखमुद्रा को विकृत करना / भावत्क (वि.) [भवत् +का ] आप से संबंध रखने भङ्गिनी [भङ्गिन+ङीप ] नदी, दरिया-आत्ममौलि- वाला भावकैरिव धवलैर्यशःप्रवा है:-रा० च. मणिकान्तिङ्गिनीम् न० 18 / 137 / 7 / 2 / भञ्जना [भजन-युच्+टाप् ] व्याख्या। भषी (स्त्री०) कुतिया, भौंकने वाली। भट्टनारायणः 'वेणीसंहार' नाटक का प्रणेता / भस्मन् (नपुं०) [ भस्+मनिन् ] 1. राख 2. शरीर पर भट्टिः 'भट्रि काव्य' का रचयिता / लगाई जाने वाली भभूत, राख / सम०-अङ्गः एक भट्टोजिः एक वैयाकरण का नाम / प्रकार का कबूतर,- अङ्गरागः शरीर पर भस्म भण्डुकः एक प्रकार की मछली। रमाना,--अवलेपः शरीर पर भस्म लीपना-अवशेष भद्र (वि.) [भन्द+रक, नलोप: ] 1. अच्छा, प्रसन्न, (वि०) जो केवल राख के रूप में बच गया है, समृद्ध 2. शुभ, मांगलिक 3. श्रेष्ठ, प्रमुख 4. कृपाल -गुण्डनम् शरीर पर भस्म पोतना,-गात्रः कामदेव, 5. सुखद 6. सुन्दर 7. वाञ्छनीय 8. प्रिय 9. दक्ष / __-चयः राख का ढेर।। सम०-कल्पः बौद्धों के अनुसार वर्तमान यग,—निधिः | भा (अदा० पर०) 1. चमकना 2. फूंक मारना। उपहार के लिए बने पात्र, बाच् (स्त्री०) शुभ | बभौ (भा धातु, लिट् लकार, प्र. पु०, ए० व०) वक्तृता, विराज एक छन्द का नाम / 1. चमका 2. प्रसन्न हुआ 3. हआ 4. हवा चली भद्रक [ भद्र+कन् ] 1. सुन्दर 2. शुभ 3. सज्जन-कम् | ___.--बभौ मरुत्वान् विकृतः स-मुद्रो, बभौ मरुत्वान् (नपं०) 1. बैठने का विशिष्ट आसन 2. अन्तःपुर। | विकृत समुद्रः, बभौ मरुत्वान विकृतः समुद्रो, बभौ भद्राकरणम् मुण्डन, समस्त सिर मुंडवाना / मरुत्वान् विकृतः समुद्रः / (सभी अर्थों में प्रयुक्त) भयालु वि०) [भय+आलुच ] भीरु कायर। --भटि० 10 / 19 / भरः [भू+अप् ] पराक्रम, श्रेष्ठता, प्रमुखता न खलु भागः [भज्-+-घञ्] 1. शुल्क---को० अ० 2 / 6 / 64 वयसा जात्यवायं स्वकार्यसहो भरः-वि० 5 / 18 / / 2. चार आध्यात्मिकों में से एक (सांख्य०) सां० भरतशास्त्रम नाटयकला / का० 50 3. ग्यारह की संख्या 4. भाग, अंश भर्गस (नपुं०) [ भुज+असुन ] आभा, कान्ति, चमक / / 5. भाग्य, किस्मत 6. चौथाई भाग / सम०-अप For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy