________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (वि०) उज्ज्वल कि " काण वाला। प्रभात प्रत्याशि२९१।८। ( 1302 ) प्रत्याचक्षाणक (वि.) {प्रति+आ+चक्ष --शानच्, स्वार्थे / प्रभद्रक (वि०) अत्यन्त सुन्दर। कन् निराकरण करने की इच्छा वाला, आक्षेप करने | प्रभवः [प्र+भू--अप् ] समृद्धि,---प्रभावार्थाय भूतानां का इच्छुक / / धर्मप्रवचनं कृतम्-महा० 12 / 109 / 10 / प्रत्यापन्न (वि.) [प्रति+आ+ पद्+क्त] 1. वापिस / प्रभा [प्र+मा+अङ्+टाप् ] पद्मरागमणि। सम० आया हुआ, फिर से एकत्र किया हुआ 2. वहकाया -~-भिद् (वि.) उज्ज्वल - कि० 16 / 58 / हुआ, बदले हुए मन वाला, विपरीत दृष्टिकोण वाला।। प्रभातकरणीयम् [ स० त०] प्रातः काल अनुष्ठेय / भावन (वि.) [प्र-भूणिच् + ल्युट् ] 1. प्रमुख, प्रत्यासत्तिः (स्त्री० [प्रति+आ+सद+क्तिन] प्रसन्नता प्रभावशाली 2. सृजनात्मक शक्ति, 3. मूल 4. खोलने हर्षोत्फुल्लता। वाला - तदस्त्रं तस्य वीरस्य स्वर्गमार्गप्रभावनम् - रा० प्रत्याहारः [प्रति+आ+ह+धा] प्रस्तावना या आमुख, 41178 / ___ का विशेष भाग (नाट्य०)। प्रभाषित (वि.) [प्र+भाष्+क्त ] कथित, उद्घोषित। प्रत्युत्पन्नजातिः (स्त्री०) गुणासहित समीकरण। प्रभुसम्मित (वि.) स्वामी के समान -- यवदात्प्रभुसम्मितात् प्रत्युपस्थित (वि०)[प्रति+उप+स्था+क्त] 1. समूहगत --साद०। 2. एकत्र होना, दबाव होना (जैसे मूत्रोत्सर्ग का) प्रभुत्वाक्षेपः (पु.) [ष० त०] आदेश के वचन द्वारा 3. विमुख, विपरीत हुआ--श्रेयसि प्रत्युपस्थिते / ____ उठाया गया आक्षेप -का० 21138 / महा० 12128, 757 / प्रभेवः [प्र+भिद्+घनं ] उद्गम स्थान (जैसे प्रत्यूट (वि०) [प्रति+वह+क्त] 1. प्रत्याख्यात, अस्वी- नदी का)। कृत 2. उपेक्षित 3. मात दिया हुआ। प्रमाथिन् (वि.) [प्र+मथु+इनि] नाड़ियों में से रसों प्रथमकविः (पुं०) वाल्मीकि का विशेषण / का उत्पादक। प्रदक्षिण (वि.) [प्रा० स०] चतुर, दक्ष, निपुण-तानुवाच प्रमद्वरा (स्त्री०) रुरु नामक मुनि की पत्नी। विनीतात्मा सूतपुत्रः प्रदक्षिणः -रा० 2 / 16 / 5 / / प्रमहस् (वि.) [ब० स०] बड़ा शक्तिशाली, प्रतापी, प्रदा (जुहो० उभ०) ऋण परिशोध करना। तेजस्वी। प्रदानम् [प्र--दो ल्युट् ] खण्डन करना, निराकरण | प्रमाणम् [प्र.1-मा+ ल्युट्] एक प्रकार की माप करना असदेव हि धर्मस्य प्रदानं धर्म आसुर:--महा० (संगीत०)। जैसे द्रुतप्रमाण / 13 / 45 / 8 / प्रमाणानुरूप (वि०) किसी व्यक्ति की शारीरिक शक्ति प्रदानकृपण (वि०) [प्र+दा+ल्यट, प्रदाने कृपणः तः / और डीलडौल के अनुरूप / स०] दरिद्र, उपहारादि समय पर न देने वाला। प्रमाणतः (अ०) [प्रमाण+तसिल ] माप या तोल के प्रवेशः (पुं०) [प्र+दिश् घा ] स्वातंत्र्य के क्षेत्र में अनुसार। एक बाधा (जैन)। प्रमात्वम् (नपुं०) निर्विकल्प प्रत्यक्ष ज्ञान की यथार्थसा। प्रदेहनम् [प्र---दिह ल्यट ] लीपना, पोतना। प्रमितिः[प्र+मा+क्तिन् ] प्रकटीकरण, अभिव्यक्ति / प्रधनाङ्गणम् [50 त०] युद्ध का अग्रभाग। प्रमोदः [प्र.+मुंद+घञ्] 1. गुणी पुरुष का हर्ष, प्रधानकारणवादः (पुं०) सांख्य का सिद्धान्त कि प्रधान ही उल्लास (जैन) 2. एक वर्ष का नाम / मूल कारण है। प्रयत्नगौरवम् [ष० त०] यत्नों की गहनता, परिश्रम की प्रधानवादिन (वि.) जो व्यक्ति सांख्य के प्रधानकारण को गहराई। __ मानने वाला है। प्रयतात्मन, / (वि.) पुनीत मन वाला, जिसने अपने मन प्रधावितिका (स्त्री०) बच कर निकल भागने का मार्ग। / प्रयतमानस को संयत कर लिया है। भग० 9 / 26 / प्रपञ्चः [प्र--पञ्च् + धा ] हास्यास्पद वार्तालाप प्रयतपाणि (वि०) [ब० स०] सम्मान में हाथ जोड़े हुए। (नाटय०)। प्रयन्तु (पुं०) चालक, उकसाने वाला, भड़काने वाला प्रेरक / प्रपतनम् [प्रपत् / ल्युट ] आक्रमण, धावा / प्रया (अदा० पर०) ग्रस्त होना, अपने ऊपर लेना, प्रपुराण (वि.) [प्रा० स०] अत्यन्त पुराना / उठाना। प्रपूरणम् [प्र++ल्युट ] धनुष की डोरी को झुकाना, प्रयुक्त (वि०) [ प्रयुज्+क्त ] 1. प्रकल्पित, उपाय द्वारा और बाँध देना। काम चलाया हुआ 2. खींची हुई (जेसे तलवार)। प्रबुद्धता [प्र.+बुध - क्त-- ता] प्रज्ञा, बुद्धि / प्रयुक्तसत्कार (वि.) [ब० स०] जिसका स्वागत सत्कार प्रभग्न (वि.) [प्र भज् / क्त ] टूट कर किया गया है प्रयक्तसत्कारविशेषमात्मना न मां परं हुआ, कुचला हुआ, हराया हुआ। संप्रतिपत्तुमर्हसि-कु० 5 / For Private and Personal Use Only