SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1285
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1276 ) विन्यस्ताः दासम्मः तन्ज. उभ्य वर्ण की स्त्री में शूद्र / 2. 'दीपफ' नाम का एक अलंकार, जसी का दूसरा पिता के द्वारा उत्पादित पर। नाम / दिनकृतम् (नपुं०) [HOTO नि का कार्यक्रम / दीर्थ (वि० [.-घा बा०] 1. लम्बा, दूरगामी विनस्पश् (नपुं०) [ दिनस्पश् - वि०५ / चान्द्रदिवस जी / 2. देर तक रहने वाला. टिकाऊ 3. गहरा 4. ऊंचा। सप्ताह के तीन दिनों के माथ मेल नाता है। सग अपाल (वि.) बड़े कटाक्षों से यक्त (भग) विवसावसानम् (नपुं०) संध्याकाल।। .... अपेक्षिन् (वि०) लिमाज करने वाला, सचेत, सावदिवसीक (तना० भ०) रात को दिन में परिणत करना धान,-चतुरस्रः दीवित.- समस् (पुं०) एक ऋषि .... निशा दिवसोकृता मच्छ० 413 / का नाम, टेषिन् (वि० ) जो देर तक वर-विरोष विवानक्तम् (अ) [10 स० ] दिन रात / बता , पत्रक: 1. गन्ना 2. एक प्रकार का दिव्यावदानम (नपं०) बौद्धधर्म का एक ग्रन्थ / लहसुन, ---पुच्छः सांप, बाह (वि०) लम्बी भजाओं दिव्यधुनी (स्त्री०) गंगा नदी। वाला, वच्छिका, घड़ियाल, मगरमच्छ / दिगवस्थानम् | दिक+अवस्थानम ] अन्तरिक्ष / दुःखम् [ दुःख्+अच् ] 1. अप्रसन्नता, कष्ट, पीडा 2. कठिदिग्भ्रमः [ दिश+भ्रमः ] दिशा की भ्रान्ति होना। नाई, असुविधा। मम० गतम् विपत्ति, संकट, हिकशूलम् [ दिश+-शूलम् ] दिशाशूल, यात्रियों को किन्हीं ... जोविन् (वि.) काट में जीवन व्यतीत करने बिशिष्ट दिनों में विशेष दिशाओं में जाने का प्रति वागा,-अयम् तीन प्रकार का दुःख आधिभौतिक, पेधक योग। आधिदैविक, और आध्यात्मिक, दुःखम् (अ०) दिष्ट ( विदिश+क्त ] 1. संकेतित. दर्शाया हआ | बड़ी कठिनाई के साथ,---पुखिन् (वि.) 1. जिसे 2. वणित, उल्लिखित 3. निश्चित, नियत,--ट: दुःख पर दुःख उठाने पड़े 2. जो दूसरों के दुःख (40) समय, एटम (नपुं०) 1. नियतन 2. भाग्य / से दुःखी हो,- लक्ष्य (वि.) जो कठिनाई मे काटा सम० गतिः मृत्यु, दृश् न्यायकारी परमात्मा | जा सके। यस्य तुष्यति दिष्टदक - भाग० 4 / 2 / 23, | दुःखाकृत (वि.) [ दुःख+आ+--क्त ] भाहत, दलित, -भाज् (पुं०) परमात्मा,---भुक (वि०) जो अपने परेशान नै०२२।१३८ / कर्मों का फल भोगता है।। / दुकूलपट्टः (0) रेशमी पट्टा या सिर की पट्टी। विष्टिद्धिः (स्त्री) [50 त०] बधाई, अभिनन्दन, दुन्दुभिः (पुं० स्त्री) [ दुन्दु+भण++इ) 1. एक साधवाद। प्रकार का बड़ा होल 2. विष्णु 3. कृष्ण 4. एक वेशना (स्त्री०) [ दिम् ---प: टाप ] निदेश, अध्यादेश प्रकार TT विष क. गंवसर चक्र में 56 वा वर्ष।। ....कमीप देगनास प्राकन धर्म हातमपेक्ष्यने-मी. मु. यन-मा० मुल दूर (10) 'दम का पर्याय नापी उपसर्ग-टू-रुक] 10111 पर गाभा / यह उपसर्ग वा कठोर' या कठिन के अर्थ को दीनता (स्त्री०) दीन-तला दुर्बलता, बलहीनता। . प्रकट करने के लिए नाम पद तथा क्रिया पदों के पूर्व दीक्ष (त्राल. प्रेर० आ०) प्रेरित करना, प्रोत्साहित जोड़ा जाता है। राम० अक्षरम् अमंगल सूचक करना--तस्वलमस्तमदिदीक्षतक्षणं नं० 18.100 / / शब्द,---अपवादः पिशुनदास्य, लोकापवाद, अपच्छर दीक्षणीयष्टिः उपमधन संस्कार से पूर्व अनष्ठेय गन / (वि०) जिसका गुप्त रसना कठिन है,-- अबसित दीक्षाश्रमः (0) वानप्रस्थाश्रम / (वि०) सीमारहित, अगाध, जो माग न जा सके, बोक्षायूपः (पु.) | न० म० ! राज़ की स्थूणा / -- आउघ (वि०) निर्धन, धनहीन,- आधिः (पं०) दीपः [दी - णिचु - अन् / लम्प, दीपक। राम / / 1. कष्ट, मानसिक चिन्ता 2. क्रोध, आपूर (वि०) अकुरः सैम की लौ, दीये की लौ, उच्छिष्टम् / जिसका भरना पटिन हो, जिसको मन्तुष्टन किया दीवे की माही. दहः दीवट, दीपन रखने की। जा सके,- आमोद: दुर्गन्ध, सड़ांद,--आवर्त (वि.) यष्टि / जिसे विश्वास न दिलाया जा गके, जो किसी प्रकार दीप्त (वि.)[दीप्त ] 1. जला हुआ, प्रकाशित, सुल- अपने मतानुकुलन बिगामा सके,- आसव (वि.) गाया हुभा 2. उसेजित, प्रदीप्त 3. उज्ज्वल,--प्स: 1. जिसे प्राप्त करना कठिन हो 2. अजेय, जिसपर (पुं०) 1. सिंह 2. नींबू का पेड़,-प्तम् (नपुं०) सोगा। आक्रमण न किया जा सके 3. जिसका सहन करना सम० आस्यः साँप, मिर्णयः निश्चित एवं वास्तविक / कठिन हो,--उदय (वि०) जो आसानी से प्रकट परिणाम, --निर्णय (वि०) जिसने अपना पका। ग हो सके, उयर्फ (वि०) जिसका बुरा परिणाम निर्णय कर लिया है। हो, जिसकागोई फल न निकले, उपसपिन् (वि.) वीप्यम दीप+यत+कन ] 1. मोर की शिखा जो अमावधानता पर्वक पहुंच रहा है, जो मावधानी दोनताटापा, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy