________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir होना, कम होना आर्यस्य सुविहितप्रयोगतया न / पृथुकुचारुन्त्रताग्पष्टिम् ---ऋतु० 225, 18, किमपि परिहास्यते--ग.१2. घटिया होना...ओज- ---हारा एक प्रकार का लालभूरे रंग का अंगूर। स्वितया न परिहीयते शच्या: विक्रम०३, मालबिहारकः [ह+ वुल] 1. चोर, लुटेरा .... याज्ञ० 31215 2, प्र- 1. छोड़ना, त्यागना, परित्यक्त करना, तिला- 2. ठग, धूर्त 3. मोतियों की लड़ी 4. (गणि. में) जलि देना प्रजहाति यदा कामान्-भग० 255 भाजक 5. एक प्रकार की गद्य रचना। 39, मोहमेतौ प्रहास्यते--राम० 2. जाने देना, फेंकना, | हारि (वि०) [ह+णिच् --- इन्] आकर्षक, मोहक, सुखडाल देना-प्रजहः शूलपट्टिशान्-भट्टि० 14 / 23, वि-, कर, मनोहर, रिः (स्त्री०) 1. पराजय 2. खेल छोड़ना, परित्यक्त करना, तजना, छोड़ देना - विहाय में हार 3. यात्रियों का समूह, सार्थवाह / सम-कण्ठः लक्ष्मीपतिलक्ष्म कार्मक जटाधरः सन् जहधीह पावकम् कोयल। ---कि० 1144, मेघ० 41, रघु० 240, 5.67,73, हारिणिकः [हरिण-+टक ] हरिणों को पकड़ने वाला, 617, 12 / 102, 14 / 48, 69, कु० 21, (प्रेर०) शिकारी। पुरस्कार देना। हारित (भू० क० कृ.) --णिच-+क्त] 1. हरण कराया हाङ्गर [ हा विपादाय पीड़ायै वा अंगं राति हा+अङ्ग हुआ, पकड़ाया हुआ 2. उपहार स्वरूप दिया गया, राक एक बड़ी मछली। प्रस्तुत किया गया 3. आकृष्ट,..त: 1. हरा रंग हाटक (वि०) (स्त्री० ---को) [हाटक+अण्] सुनहरी, | 2. एक प्रकार का कबूतर। ...कम मोना / मम० गिरिः सुमेरु पर्वत / हारिन् (वि०) (स्त्री० णी) हिारो अस्त्यस्य इनि, हात्रम् [हा करणे प्रल] पारिश्रमिक, मजदूरी, भाड़ा। है+णिनि वा] 1. ले जाने वाला, पहुंचाने वाला, हानम् हा- क्त 1. छोड़ना, त्यागना, हानि, असफलता। ढोने वाला 2. लटने वाला, हरण करने वाला वाजि2. बच निकलना 3. पराक्रम, बल / कुंजराणां च हारिणः-- याज्ञ० 21273, 3208 हानिः (स्त्री०) हा--क्तिन्, तस्य निः] 1. परित्याग, 3. पकड़ लेने वाला, बाधा पहुँचाने वाला, मनु० तिलांजलि 2. हानि, असफलता, अनुपस्थिति, अनस्तित्व 12 / 28 4. प्राप्त करने वाला, उपलब्ध करने वाला . क्वचित् स्फुटालङकारविरहेऽपि न काव्यत्वहानिः 5. आकर्षक, मोहक, सुखकर, आलादकर, आनन्दप्रद -काव्य०१, 'इसमें काव्य को हानि नहीं' 3. हानि, -तवास्मि गीतरागेण हारिणा प्रसभं हतः-१० 115, नुकसान, क्षति- ग्रामोद्गलितसिक्थेन का हानिः शि० 10.11. 66. विष्टपहारिणि हरी.. भन० करिणो भवेत् . सुभा०, का नो हानि:- सर्व 2 / 25 6. आगे बढ़ने वाला, अप्रगणय होने वाला 4. न्यनता, कमी-यथा हानिः क्रमप्राप्ता तथा 7. हार धारण करने वाला। वृद्धिः क्रमागता हरि०, याज्ञ० 2 / 207, 244 | हारिद्रः [हरिद्रा- अण] 1. पीला रंग काय का ! 5. अवहेलना, भूलना, भंग-प्रतिज्ञा, कार्य हारीतः ह.-णि+ इतन् / 1. एक प्रकार का कबूतर 6. नष्ट होना, बर्बाद होना, हानि - कालहानिः --रघु० --रघु० 4 / 46 2. पूर्त, ठग 3. एक स्मृतिकार का 13 / 16 / नाम---याज्ञ. 1 / 4 / हाफिका (स्त्री०) जमुहाई, जूभा। हार्वम् [हृदयस्य कर्म युबा० अण् हमादेशः] 1, स्नेह, प्रेम हायनः,-नम् [हा+ल्य वर्ष,-न: 1. एक प्रकार का अमर्षशून्येन जनस्य जन्तुना न जातहार्दन न विद्विषाचावल 2. शिखा, ज्वाला। दरः--कि० 133, शि० 9169, विक्रम० 5.10 हारः ह.-घा] 1. ले जाना, हटाना, पकड़ना 2. पहुँ- 2. कृपा, सुकुमारता 3. इच्छाशक्ति 4. अभिप्राय, चाना 3. अपकर्षण, अलगाव 4. वाहक, हरकारा अर्थ / 5. मोतियों की माला, हार-हारोऽयं हरिणाक्षीणां | हार्य (वि.)[+ ण्यत्] 1. घरण किये जाने - योग्य, ढोये लठति स्तनमण्डले - अमरु० 100, पाण्डयोऽयमंसार्पि- जाने योग्य 2. सहन किये जाने योग्य, ले जाये जाने तलम्बहार:-रघु०६१६०,५१५२, 6 / 16, मेघ०६७, योग्य-यदूढया वारणराजहार्यया-कु० 5 / 70 3. अपऋतु० 114, 2018 6. संग्राम, युद्ध 7. (गणि० में) हरण किये जाने योग्य, छीने जाने योग्य --- रघ० किसी भिन्न का नीचे का अंश 8. भाजक / सम. 7 / 67 4. विस्थापित होने योग्य, (हवा आदि के --.. आवलिः-ली (स्त्री०) मोतियों को लड़ी-तरुणी- द्वारा) ले जाये जाने योग्य - रघु० 16143 5. (अपने स्तन एव शोभते मणिहारावलिरामणीयकम् -- 0 संकल्प से) चलायमान होने योग्य -- कु० 586. उप 2144, हारावलीतरलकाञ्चितकाञ्चिदाम-गीत०११, लब्ध किये जाने योग्य, जीते जाने योग्य, आकार ..गटि (लि) कामाला ना दाना या नरका माली किरो ... . . रघु० 5170, -यष्टिः हार, मोतियों की लड़ी- दति- For Private and Personal Use Only