________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1073 ) रिणाशन एक समा 31 4. समान, समतल चौरस-समदेशवर्तिनस्ते न दुरा- में) मुख्य खड़ी रेखा,-मय (वि०) एक समान मूल सदो भविष्यति---श०१ 5. समसंख्या, 6. निष्पक्ष, वाले, रंजित (वि०) हलके रंग वाला,-रंभः एक न्याययक्त 7. न्यायोचित, ईमानदार, खरा 8. भला, प्रकार का रतिबंध, रेख (वि.) सीधा, * प्रकृत्या सद्गुण संपन्न 9. सामान्य, मामली 10 मध्यवर्ती, यद्वकं तदपि समरेखं नयनयो:--श० 219, लम्बः बीच का 11.सीधा 12. उपयुक्त सुविधाजनक 13.तटस्थ, -बम् विषम चतुर्भुज, वर्णः एक ही जाति का, अचल, निरावेश 14. सब, प्रत्येक 15. सारा, पूर्ण, ~-वतिन् (वि०) सममनस्क, पक्षपातरहित (पुं०) समस्त, पूरा,-मम् समतल मैदान, चौरस देश कि० मृत्यु का देवता, यमराज, वृत्तम् 1. वह छंद जिसके ९।११,-मम् (अव्य०) 1. से, के साथ, मिलकर, चारों चरण समान हों 2. दे० 'सममंडल',-वृत्ति सहित, (करण के साथ) आहो निवत्स्यति समं (वि०) धीर, गंभीर,-वेधः बीचू के दर्जे की गहराई, हरिणाङ्गनाभिः--श० 1427, रघु० 2 / 25, 8 / 63, ...शोधनम् समीकरण के प्रश्नों में एक सी राशि का 16172 2. एक समान--यथा सर्वाणि भूतानि धरा दोनों ओर घटाना, समव्यवकलन, सन्धिः एक समान धारयते समम् मनु० 9 / 311 3. के समान, इसी शों पर शान्तिस्थापन, सप्तिः (स्त्री०) विश्वनिद्रा प्रकार, इसी रीति से-पंच० 1178 4. पूर्णतः (कल्पान्त के अवसर पर समस्त चराचर चिरनिद्रा 5. यगपत, एकही साथ, सब मिल कर, उसी समय, में विलीन हो जाते हैं),-स्थ (वि०) 1. बराबर, साथ साथ-नवं पयो यत्र घनर्मया च त्वद्विप्रयोगाश्रु सम एक रूप का 2. समतल, हमवार 3. समान,--स्थलम् विसृष्टम्-रघु० 13 / 26, 414, 10 / 60, 14 / 1 / समतल भूमि / सम-अंशः समान भाग, हारिन (पुं०) सहदाय- | समक्ष (वि०) [अक्ष्णोः समीपम् समक्ष-अच ] आँखों भागी, --- अन्तर (वि०) समानान्तर,-आचार 1. समान | के सामने मौजद, दर्शनीय, वर्तमान,-क्षम् (अव्य०) या एक जैसा आचरण 2. उचित व्यवहार, उदकम् की उपस्थिति में, देखते देखते, आँखों के सामने आघा दही और आधा पानी मिलाकर बनाई गई | -कु० 5 / 1 / छाछ, मट्ठा,---उपमा उपमा अलंकार का एक भेद, | समग्र (वि.) [ समं सकलं यथा स्यात्तथागृह्यते--सम् .... कन्या योग्य या उपयुक्त कन्या (विवाह के योग्य), +ग्रह+ड ] सब, पूर्ण, समस्त, पूरा-मालवि० - कर्णः ऐसा चतुष्कोण जिसके कर्ण एक समान हों, 2 / 13 / -~-काल: वही समय या क्षण, लम् (अव्य०) उसी | समा [सम् +अ +घ--टाप] मंजिष्ठा, मजीठ / समय, युगपत, कालीन (वि०) समवयस्क, समसाम- समजः [सम् +अ + अप्] 1. पशुओं का झुण्ड, पक्षियों यिक, कोल: सर्प, साँप, क्षेत्रम् (ज्योतिः० में) का गोल, लहंडा, रेबड़ 2. मुखों की संख्या,.. जम् नक्षत्रों के एक विशेषक्रम का विशेषण, खातः समान जंगल, अरण्य / खदाई, समानान्तर चतुर्भुजों से बनी हुई आकृति, समज्या [सम् / अज्+क्यप्-+टाप्] 1. सम्मिलन, सभा गन्धकः एक जैसे पदार्थों से बना धूप, चतुरन 2. ख्याति, यश, कीर्ति / (वि.) वर्ग, (सम्) समभुज चतुष्कोण,-चतुर्भुजः, समञ्जस (वि.) [सम्यक् अञ्जः औचित्यं यत्र ब० स०] -जम् विषमकोण समचतुर्भुज,--चित्त (वि.) 1. उचित, तर्कसंगत, ठीक, योग्य 2. सही, सच, 1. सममनस्क, एक समान, प्रशान्तचित्त 2. उदासीन, यथार्थ 3. स्पष्ट, बोधगम्य जैसा कि 'असमञ्जस', ----छेद,-छेदन (वि०) वह भिन्न जिनके हर समान सद्गुणसंपन्न, भला, न्यायोचित,-भृशाधिरूवस्य हों, जाति (वि०) समान जाति या वर्ग का,-ज्ञा समजसं जनम् कि० 10 // 12 5. अभ्यस्त, अनुभूत ख्याति,-त्रिभुजः, -,जम् समभुज त्रिकोण, दर्शन 6. स्वस्थ, सम् 1. औचित्य, योग्यता 2. यथार्थता -दशिन (वि०) समान रूप से देखने वाला, निष्पक्ष, 3. सच्ची गवाही। -विद्याविनयसंपन्ने ब्राह्मणे गवि हस्तिनि, शुनि चैव | समता,---स्वम् सिमतल+टाप, त्व वा] 1. एकसापन, श्वपाके च पण्डिताः समशिनः-भग० 5 / 17, दुःख एकरूपता 2. समानता, एक जैसापन 3. बराबरी (वि०) दूसरों के दुःख को अपने जैसा दुःख समझने 2. निष्पक्षता, न्याय्यता, समता नी, समान व्यवहार वाला, (दूसरों से) सहानुभति रखने वाला, दुःख में करना मनु० 94218 5. सन्तुलन 6. पूर्णता साथी, कु. 4 / 4, °सुख (वि०) सुख और दुःख 7. सामान्यता 8. समानता। का साथी -श० 3 / 12, दश -दृष्टि (वि.) | समतिक्रमः सम् +अति+क्रम+घञ] उल्लंघन, भूल / पक्षपातरहित, -बुद्धि (वि.) 1. निष्पक्ष 2. तटस्थ, समतीत (वि.) [सम् -|-अति+इ.+क्त] बीता हुआ, निःसंग, - भाव (वि.) एक-सी प्रकृति या गुण रखने गया हुआ---रघु० 8178 / वाला, (वः) समानता, तुल्यता, -मण्डलम् (ज्यो० / समद (वि.) [सह मदेन--ब० स०] 1. नशे में चूर, ******** For Private and Personal Use Only