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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( 1000 ) (टि:) इन्द्र का वज्र, (स्त्री०) एक अरब या सौ। ह्रदा 1. बिजली, कु०७४३९, मच्छ० 5 / 48 करोड़ की संख्या, ऋतुः इन्द्र का विशेषण --रघु० ! 2. इन्द्र का वज्र / 3 / 38, खण्डम् सोना,-गु (वि०) सौ गायों का शतक (वि०) [शत+कन्] 1. सौ 2. सौ से युक्त, कम् स्वामी, गुण, गुणित (वि०) सौगुणा बढ़ा हुआ 1. शताब्दी 2. सौ दलोकों का संग्रह जैसा कि नीति, -विक्रम० 3 / 22, प्रन्धिः (स्त्री) दूर्वा घास,-- नी वैराग्य और शृङ्गार', अर्थात् नीति आदि विषयक 1. एक प्रकार का शस्त्र जो अस्त्र की भांति प्रयक्त सौ श्लोकों का संग्रह। किया जाय (कुछ विद्वानों के मतानुसार यह एक | शततम (वि.) (स्त्री०-मी) [शत+तमप्] सौवाँ। प्रकार का राकेट है, परन्तु दूसरों के भतानुसार यह | शतधा (अव्य०) |शत-धाच] 1. सौ तरह से 2. सौ एक प्रकार का विशाल पत्थर है जिसमें लोहे की | भागों में या सौ टुकड़ों में 3. सौगना। शलाकाएं जड़ी हुई हैं यह लम्बाई में 'चार ताल' है | शतशस् (अव्य०) [शत+शस्] 1. सौ सौ करके 2. सौ -शतघ्नी च चतुस्ताला लोहकण्टकसंचिता, या, अयः बार -- शतशः शपे-प्रबो० 3, मनु० 12158 सौगुना, कण्टकसंछन्ना शतघ्नी महती शिला) रघु० 12095 3. सौ तरह से, विविध प्रकार से. नाना प्रकार से 2. बिच्छु की मादा 3. गले का एक रोग जिह्नः / -भग० 115 शिव का विशेषण,-तारका,-भिषज्,-भिषा (स्त्री०) | शतिक (वि.) (स्त्री० की), शत्य (वि.) [शत+ठन् सौ तारिकाओं का पुंज शतभिषा नामक नक्षत्र,—दला | यत् वा] 1. सौ से युक्त --याज्ञ० 2 / 208 2. सौ से सफ़ेद गुलाब,-द्रः (स्त्री०) पंजाब की एक नदी सम्बन्ध रखने वाला 3. सौ से प्रभावित 4. सौ में जिसका वर्तमान नाम सतलज है,धामन् (0) मोल लिया हुआ 5. सौ से बदला किया हुआ 6. प्रतिविष्णु का विशेषण, धार (वि.) सौ घारों वाला, शत शुल्क या ब्याज देने वाला 7. सौ का सूचक / (-रम्) इन्द्र का वच,-धृतिः 1. इन्द्र का विशेषण, | शतिन् (वि०) [शत+इनि] 1. सौगुणा 2. असंख्य-पुं० 2. ब्रह्मा का विशेषण 3. स्वर्ग,--पत्र: 1. मोर | सौ का स्वामी निःस्वो वष्टि शतं शती दशशतं 2. सारस 3. खुट-बढ़ई पक्षी, 4. तोता या तोते की शान्ति० 216, पंच० 5 / 82 / जाति, (त्रा) स्त्री (त्रम्) कमल-आवृत्तवृन्तशत- शत्रिः [शद्|-त्रिप्] हाथी। पत्रनिभं (आननम् ) वहन्त्या-मा० 1 / 29, °योनिः / शत्रः | शद्---त्रुन] 1. परास्त करने वाला, विनाशक, ब्रह्मा का विशेषण,--कम्पेन मूर्ध्नः शतपत्रयोनि (संभाव- विजेता 2. दुश्मन, वैरी, प्रतिपक्षी --क्षमा शत्रौ च यामास) कु० ७.३६,-पत्रकः खुटबढ़ई,-पद, पाद् मित्रे च यतीनामेव भूषणम् -सुभा० 3. राजनीतिक (वि०) सौ पैरों वाला, पदी कानखजूरा, -- पद्मम् प्रतिद्वन्द्वी, पड़ौस का प्रतिद्वन्द्वी राजा। सम०, उप1. वह कमल जिसमें सौ पंखड़ियाँ हों 2. श्वेत कमल, जापः दुश्मन की गुपचुप कानाफूसी, शत्रु का विश्वा----पर्वन् (पु.) बांस (स्त्री०) 1. आश्विन मास की सघाती प्रस्ताव, कर्षण, दमन, निबर्हण (वि.) पूर्णिमा 2. दुर्वा घास 3. कटक का पौधा, ईशः शुक्र, शत्रु का दमन करने वाला, शत्रु को जीतने वाला या ग्रह,--भीरः (स्त्री०) अरबदेश की चमेली, मख, शत्रु को नष्ट करने वाला,---घ्नः 'शत्रुओं को नष्ट --मन्युः 1. इन्द्र के दिशेषण, कि० 2 / 23, भट्टि. करने वाला' सुमित्रा का पुत्र होने के कारण लक्ष्मण 115, कु० 2 / 64, रघु० 9 / 13 2. उल्ल, मुख का यमलभ्राता, राम का भाई। इसने 'लवण' (वि०) 1. जिसके सौ रास्ते हों 2. सौ द्वार या मुंह नामक राक्षस का वध किया, मथुरा को बसाया। वाला-विवेकभ्रष्टानां भवति विनिपातः शतमख: सुबाहु और बहुश्रुत नाम के इसके दो पुत्र थे दे० --भर्त० 2 / 10, (यहाँ शब्द का (1) अर्थ भी है।। रघु०१५,-पक्षः 1. शत्रु का पक्ष या दल 2. प्रति(-खम्) सौ रास्ते या द्वार, (-खो) बुहारी, झाड़ , / पक्षी, विरोधी, विनाशनः शिव का विशेषण,-हत्या -मूला दूर्वा घास, दूबड़ा, -यज्वन् (पुं०) इन्द्र का शत्रु की हत्या,-हन् (वि०) शत्रु का वध करने वाला। विशेषण, –यष्टिकः सौ लड़ियों का हार, रूपा ब्रह्मा | शत्रुञ्जयः [शत्रु+जि+खच्, मम्] 1. हाथी 2 एक पहाड़ की एक पुत्री (जो ब्रह्मा की पत्नी भी मानी जाती का नाम, गिरनार पर्वत / है, अपने पिता के साथ इस व्यभिचार के परिणाम | शत्रुन्तपः (वि०) [शत्रु / तप्+-खच्, मुम्] अपने शत्रु को स्वरूप उससे स्वायम्भुव मनु का जन्म हुआ), वर्षम् | परास्त करने वाला या नष्ट करने वाला। सौ बरस, शताब्दी, देधिन् (पुं०) एक प्रकार का | शत्वरी (स्त्री०) रात। खटमिठा शाक, चोका,-सहस्रम् 1. सौ हजार 2. कई | शद् i (भ्वा० पर० (परन्तु सार्वधातुक लकारों में आ०) हजार अर्थात् एक बड़ी संख्या,-साहस्र (वि०) 1. सौ ---शीयते. शन्न) 1. पतन होना, नष्ट होना, मुझाना, कुम्हलाना 2. जाना-प्रेर० (शादयति-ते) 1. पहुँचाना, For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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