________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir c यःस्मरेत्पुंडरीकाक्षंसवाह्याभ्यंतरेशुचिः // 1 // इतिमंत्रणप्रोक्षयेत् // दीपपूजनं॥ भोदीपत्वंब्रह्मरूपअंधकारनिवारक // इमांमयाकृतांपूजांगण्हस्तेजःप्रवर्धय // 1 // दीपायनमःगंधाक्षतपुष्पैः संपूज्य // // // // // अथगणपतिपूजनं // // ततोध्यानम् // // श्वेतांगंश्वेतवस्त्रंसितकुसुमगणैःपूजितं / श्वेतगंधैः क्षीराब्धौरत्नदीपैः सुरतरुविमलेरत्नसिंहासनस्थं ॥दोभिःपाशांकुशेष्टाभ यधृतिविशदंचंद्रमौलिंत्रिनेत्रध्यायेच्छांत्यर्थमीशंगणपतिममलं श्रीसमेतंप्रसन्नं॥१॥ ॐ भूर्भुवःस्वःसिद्धिबुद्धिसहितमहागणपतयेनमःध्यायामिाहेहेरंबत्वमेोहिअंबिका। B 1 यद्यपि गणपतिपूजनंगदाधरादिभिनक्तितथापि आदौविनायकः पूज्योअंतेतुकुलदेवतेति संस्कार / मयूखादौगृह्यपरिशिष्टवचनात् // गणेशंपूजयेत्पूर्वनिर्वितार्थस्वकर्मणेतिपरशुरामकारिकोक्तेश्वविनैशंचा समयेतिचूडामणिकारवृत्ताचकार्यमेव. 0000000 For Private and Personal Use Only