________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // 18 // संस्कार |॥१३॥अष्टोत्तरसहस्रंतुशतमष्टोत्तरंतुवा॥प्रत्येकंदेवतानांचजुहुयात्तिलसर्पिषा॥१४॥भास्कर आकृष्णेनेतिसूर्यचइंद्रंत्रातारमिंद्रतः॥इंद्राणीतुतथादित्यैरास्नेतिचसुमंत्रतः॥१५॥ ईश्वरीभुवनस्याथयजुषांश्रीश्चतेतिच // ग्रहहोमंततःकृत्वायथाविध्युक्तद्रव्यया // // 16 // वंशपात्रंसमानीयरक्तवस्त्रसमन्वितम् ॥तत्रराशिंप्रकुर्वीततंदुलानांनृपोत्तम / |॥१७॥तत्रोपरिन्यसेमींकदलींसूर्यदेवतां॥वन्हेरुत्तरतोविद्वान्कदलींस्थापयेच्छुभां // हेम्नःपंचपलाठ्यांवापलस्यापिसुलक्षणांपला.नतदर्डेनतदनचवापुनः॥१९॥ सुस्तंभाढयांसुपत्रांचकदलेनविराजितां॥ // तंदुलानांप्रमाणंतु // ॥अष्टमुष्टिभवतिक चित्कचिदष्टोचपुष्कलं // पुष्कलानिचचत्वारिआढकःपरिकीर्तितः ॥चतुर्भिराढकै / द्रोणोग्राह्योद्रोणैकतंदुलाः // दद्यात्तांविप्रवर्यायसवस्त्रांचसदक्षिणां // अलंकृतायवि | // 18 // दुषेश्रोत्रियायकुटुंबिने // दानमंत्रस्तु // सुपत्रेसुभगेदेविरंभभास्करवल्लभे॥ रक्षमा OCAOACROACROROROPORO ROORGAOORDAROORमल For Private and Personal Use Only