________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir GreeRoeosc0600Repeacocceer हाह्मणान्भोजयेद्दश // शतंविवाहसंस्कारपंचाशन्मेखलाविधौ // आवसथ्येत्रयस्त्रिंश च्छौताधानेशतात्परं ॥अष्टकंभोजयेद्भक्त्यातत्तत्संस्कारसिद्धये ॥आग्रयणेप्रायश्चि त्तेब्राह्मणान्दशपंचचेति // कृतंकर्मईश्वरार्पणकार्यमित्युक्तंसहन्नारदीये // विष्णव / / र्पितानिकर्माणिसफलानिभवंतिहि // अनर्पितानिकर्माणिभस्मनीवहुतंहविः // नि / त्यनैमित्तिकंकाम्यंयच्चान्यन्मोक्षसाधनं // विष्णोःसमर्पितंसर्वसात्विकंफलदंभवे / त् // // सप्तगोत्राणियथा // // पितुर्मातुश्वभार्यायाभगिन्यादुहितुस्तथा // पितृष्य / हामृमातृष्वस्रोगात्राणांसप्तकंस्मृतमिति // एकोत्तरशतकुलानियथा // चतुर्विशति विशश्वषोडशद्वादशानिह // रुद्रादशवसुश्चैवकुलमेकोत्तरंशतमिति // आस्यनासा / / आक्षिकर्णौचनाभिहृत्कंभुजौस्टशेत् // एवमाचमनंकृत्वासाक्षान्नारायणोभवेत् // // इ| अतिपरिभाषाप्रकरणम्॥ ॥अथगर्भाधान।तत्रप्रथमरजोदर्शनेत्रयोदशदोषाःज्योतिः For Private and Personal Use Only