________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir संस्कार. ॐ भुवःस्वा इदंवायवे० // ॐ स्वःस्वा इदंसूर्याय० // ॐ भूर्भुवःस्वःस्वा इदंप्री भास्कर. ॥२८९॥जापतये // ततःस्विष्टकृत् // ततोभूराद्या प्राजापत्यंतानवाहुतीराज्येनेत्यादिकं / कर्मकृत्वा // // ततःसंस्रवप्राशनादिप्रणीताविमोकांतंहोमशेषअभिषेकांतंसमाप येत्॥ ततोर्कीप्रार्थयेत् // मयाकृतमिदंकर्मस्थावरेषुजरायुणा॥अर्कापत्यानिनोदेहि तत्सर्वक्षतुमर्हसि // 1 // ततआचार्योगंधादिभिःसंपूज्यताभ्यांचगोयुग्मंदद्यात् // अष्टौब्राह्मणान्भोजयेत् // नानानामगोत्रेभ्योब्राह्मणेभ्योभूयसीदक्षिणांदत्वा // ते / / राशिषोगृहीत्वा॥ पूजोपकरणादिकंआचार्यायदत्वा ॥स्थापितदेवतानांउत्तरपूजां / कृत्वा / देवताआग्निविसृज्य // यस्यस्मृत्येतिनत्वाकर्मेश्वरार्पणंकृत्वा // शांतिसूर टा " रात // 289 // नक्तंजपेत् // स्थापितकलशोदकेनअर्कीवरयोरभिषेकः // धृतवस्त्रयोराचार्यायदा / नमितिगोपीनाथदीक्षिताः // दिनचतुष्टयंअग्निकुंभांश्चरक्षयेदितिमयूखः // पंचा For Private and Personal Use Only