________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit संस्कार मिशुद्धिर्मुख्यदैवतपूजनं ॥अग्निप्रतिष्ठासूर्यादिग्रहस्थापनपूजनं // देवतान्वाहितिः भास्कर // 11 // पात्रासादनंहविषांकृतिः // यथाक्रमंत्यागहोमावितिपूर्वागकःक्रमः // पूजास्विष्टं हैं नवाहुत्योबलिःपूर्णाहुतिस्तथा पूर्णपात्रविमोकाद्यग्न्यर्चनांतेऽभिषेचनं ॥मानस्तो केतिभूतिश्चदेवपूजाविसर्जने // श्रेयोग्रहोदक्षिणादिदानकर्मेश्वरार्पणं // क्रमोयमु। त्तरांगानांप्रायः स्मार्तेष्वितिस्थितिः॥ // दशप्रणवाउक्ताः शांतिकमलाकरे॥ आ दौप्रणवमुच्चार्य व्याहृती प्रणवान्विताः // मंत्रादौप्रणवःकार्योमंत्रांतेप्रणवःपुनः // तितोव्याहृतिसंयुक्तस्त्वंतेचप्रणवःसदा॥ ॥अथवा // आदौप्रणवमुच्चार्यसप्तव्याह तयस्ततः॥ मंत्रादीप्रणवःकार्योमंत्रांतेप्रणवःपुनः॥अंतर्विसर्गकंकुर्याच्छौतेस्मातेचक मणि // मंत्रादीप्रणवस्तहत्देवस्वामीयभाषणात् // कर्मविशेषेअग्निनामान्युक्तानि | // 11 // धर्मसिंधौ॥ // अग्रिस्तुमारुतोनामगर्भाधानेविधीयते॥पावमानःपुंसवनेसीमतेमंग PORRORSRORORGADAR వంగవరం0000వంగాలు For Private and Personal Use Only