________________ CIJENA S Rendra www.kobatrth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir संस्कार- ब्राह्मणायतुभ्यमहसंप्रददेइतिदत्वा // यथाशक्तिसुवर्णदक्षिणांदत्वा तस्मादाशिषो भास्कर. // 283 // गृहीत्वा // कन्याअनघाद्याहमस्मीतित्रिर्वदेत् // एवमस्वितिविप्रोक्तिंगृहीत्वा // मप्रीतिनमाजेयत्नासोवैवाहिकंकुर्यात् // इतिवैधव्ययोगहरविष्णुप्रतिमादानं // 6 // // अथतृतीयमानुपानिमहस्यनिषिहत्वात्तस्मिन्कर्तव्यसत्यर्कीविवाहवि | धिरुच्यते // // तत्रतृतीयमानुषीविवाहनिषेधमाह कश्यपः // तृतीयांमानुपी 11 शनैवचतुर्थीयःसमुद्हेत् // पुत्रपौत्रादिसंपन्नतीसाग्निकोवरः // उदहेदिति / सिद्धयर्थतृतीयानकदाचन // मोहादज्ञानतोवापिगच्छयादिमानुषीं // म्रियतेन / चसंदेहोगर्गस्यवचनंयथा // // वसिष्ठः // चतुर्थ्याश्चविवाहात्तीयार्कीसमुहहे | त् // आदित्यदिवसेवापिहस्तक्षेवाशनैश्चरे // शुभेदिनेवापूर्वाण्हेकुंदर्कीविवाह | // 283 // कं // ब्राह्मे॥ ग्रामात्याच्यामुदीच्यांचासुपुष्पफलसंयुतां॥ निरीक्ष्ययनतास्तात्स्थं / For Private and Personal Use Only