________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रागमः // // विवाहेभार्ययासहभोजनमाहांगिराः // ब्राह्मण्यास यादृच्छिष्टंवाकदाचन // तत्रदोषनमन्यतेसर्वएवमनीषिणः // 1 लाद्यौरि / समश्नीयाद्विवाहेषुवधूवरौ // तत्रदोषंनमन्यतेआचारभ्रेषनैव सपूज्य // एकासनंचैकश-एकपात्रेचभोजनं // एकत्रमंगलस्नानाभाँप्रतिष्ठाप्यषोड विवाहेएतानिभवेद्विप्रोनदोषभागिति // अथाभा- पायजीवनानांसमाश्र इयतनिषिद्धकर्माणि // गायः // नांदीश्राटे लावष्णोवरंदेहिकन्यांपालयदुः। रंक्षयश्राद्धंस्नानंशीतोदकेनच // अतः पटकन्याकुंभांतरालेधृत्वामंगलप Mil.ययननदासामा त्वा // दशवारंअधस्तादुपरिचकुंभंकन्यांचपरित्वेत्य। पटनिःसार्य // कन्यायैवस्त्रोपवस्त्रमंगलतंतुवं / नुवाकेनसूत्रसवष्टय // कुंभस्यविष्णवेकन्यांसमर्पयेत् // मंत्रस्तु॥ गौरीकन्यामिमां / लक्ष्णांयथाशक्तिविभूषितां // ददामिविष्णवेतुभ्यंसौभाग्यंदेहिसर्वदा // 1 // वि | GOOOOOO000 OROPORORS For Private and Personal Use Only