________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 000000 शसमुद्भवः // वंशपात्रमिदंदानंवंशद्धिकरपरं // वंशपात्रमिदंपुण्यवंशजातसमुन। // वंशानामुत्तमंदानंकन्यादानफलप्रदम् // वंशपात्राणिसर्वाणिमयासंपादिता / शनिवै // उमाकांतायदास्यामिममवंशाभिवृद्धये // वंशद्धिकरंदानंसौभाग्यादिस / मन्वितं // नानापक्कान्नसंयुक्तंदंपत्योर्वशवर्द्धनं।वस्त्रेणाच्छादितंपूगफलहेमसमन्वि तं // ददामिवरमातस्तेपार्वतीशंकरौतथा // दातामहेश्वरोदेवोगृहीतापिमहेश्वरः॥ दानेनानेनमेदेवप्रसीदपरमेश्वर // इदंऐरिणीवंशपात्रंसदक्षिणाकंवरमात्रेतुभ्यमहं। संप्रददेनमम // ततोवरगोत्रजादीनगंधवस्त्रादिभिःसंपूज्यप्रार्थयेत् // यच्छ / त्याविहितस्वगृह्यकथितैमत्रैश्चपौराणिकैनिंवस्त्रजलानचंदनदलाद्यवाचतुर्भिदि / नैः // दंपत्योर्ममवंशद्धिमनघांदद्यादुमाशंकरोन्यूनंतत्कृपयाखिलंसफलतायातु द्विजानांनतिः॥१॥ततोवधूगोत्रजाःतत्ऐरिणीवंशपात्रंगृहीत्वावरगोत्रजादीनांशि। 30000000 For Private and Personal Use Only