________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.birth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandie संस्कार 22. जानत्प्रथम॥ युंजतेमनऽइतिऋग्भ्यांचतुर्दशावृत्त्याष्टाविंशत्याहुतीराज्येन त्वा // शास्कर. // 223 // तीचमंत्रौ // ॐ युञान प्रथममनस्त्वत्वायसविताधियः ॥अग्निोतिर्निचायट हथिव्याऽअध्याभरतस्वाहा // इदंसवित्रेनमम // 1 // युञ्जतेमन उतयुञ्जतेधियोवि प्राविप्रेस्यबृहतोविपश्चित // बिहोत्रादधेवयुनाविदेकइन्महीदेवस्य॑सवितु परिष्ट / शतित्स्वाहा // 1 // इदंसवित्रेनमम // ततोभूराद्याःविष्टकृदंतादशाहुतयः // संस्र / विप्राशनादिप्रणीताविमोकांतहोमशेषसमाप्य // ततःपयस्विनींगांदद्यात् // गांवत्रा लंकारादिभिःसंपूज्य // प्रतिगृहीतृब्राह्मणंसंपूज्य // दानमंत्रः // गवामंगेषुतिष्ठति / भुवनानिचतुर्दश // यस्मात्तस्माच्छिवंमेस्यादिहलोकेपरत्रच // इमांगांपयविनी॥२२३॥ शायथाशक्त्यलंकृतांऋतुदोषनिरासाथैयुआनप्रायश्चित्तहोमसिद्धयर्थप्राप्तकर्मकरणेअ AGRAAC% For Private and Personal Use Only