________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit संस्कार३२१९॥ जानःप्रथममंत्रैरष्टाविंशतिसंख्यया // आज्याहुतिंचजुहुयाद्गांचदद्यात्पयस्विनी भास्कर // यहा // स्मृत्यर्थसारे // विवाहहोमेप्रक्रांतेयदिकन्यारजस्खला // त्रिरात्रंदंपती / / स्यातांप्टथक्शय्यासनाशिनौ // चतुर्थेहनिसंस्नातौतस्मिन्ननौयथाविधि // विवा। हहोमकुर्वीतइत्यादिस्मृतिसंग्रहइति // // अथप्रतिकूलनिर्णयः // कृष्णभट्टीये / / // वधूवरार्थेघटितेसुनिश्चितेवरस्यगेहेप्यथकन्यकायाः // म्रियेतकश्चिन्मनुजोथ नारीतदानकुर्युःखलुमंडनंते // मनुः // वाग्दानानंतरंयत्रउभयस्यकुलेषुच // त्र्य शब्दोनबालमरणेप्रतिकूलनविद्यते // स्मृतिरत्नावल्यां // ऊनद्विवार्षिकेप्रेतेनतस्यप्र तिकूलता // शांतिःस्याच्छुभदानणांकूष्मांडगणहोमतः // वानिश्चयेकृतेपश्चा| पितरौनिधनंगतौ // तयोस्तत्प्रतिकूलस्यान्नान्येषांतुकदाचनेतिद्धवसिष्ठः // वर // 219 // विध्वो पितामातापितृव्यश्चसहोदरः॥ एतेषांप्रतिकूलंस्यान्महाविघ्नप्रदंभवेत् // पि For Private and Personal Use Only