________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandit संस्कार- अविरोधितूष्णीं कर्तव्यमितिसमावर्तनानुकल्पइतिधर्मसिंधुः // // इति संस्कारभा भास्कर. // 199 // 6 स्करेसमावर्तनेआतुरदशायांसमावर्तनविधिःसमाप्तः // // ७५र७1ASAWAASIROH अथक्रमप्राप्तोविवाहः // तत्रअनाश्रमिनिर्णयःप्रायश्चित्तंच // यथा // अनाश्रमी है। नतिष्ठेतदिनमेकमपिद्विजः // आश्रमेणविनातिष्ठन्प्रायश्चित्तीभवेद्विजइतिदक्षस्मृ तेः // एतत्प्रायश्चित्तनिष्कृतिमिताक्षरायां // अनाश्रमिप्रायश्चित्तंयथा // अनाथ मीसंवत्सरंप्राजापत्यकृच्छ्रचरिताश्रममुपेयात् // द्वितीयेऽतिकृच्छंतृतीयेकृच्छ्राति / कृच्छ्रमतऊर्ध्वचांद्रायणमितिहारितोक्तेः॥धेनोरभावेनिष्कास्यात्तद(पादमेववा // 199 // गुंजाअशीतिःकर्षस्तुकर्षाश्चत्वारिनिष्ककः // सुवर्णरजतंवापिदद्याच्छत्त्यनुसारत | vedoeAGARAGAOCRORS For Private and Personal Use Only