________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार ष्टिायपादोपसंग्रहणपूर्वकआचार्यमुखमीक्षमाणायअनसूयकायस्वहस्तौजानुभ्याम् भास्कर. halपरिकृतवतेब्रह्मचारिणेवेदंप्रयच्छति // ॐ भूर्भुवस्व ॐ तत्सवितु०॥ १॥ॐ इषेत्वो जैत्वावायवस्थदेवोवन्सविताप्रार्पयतुश्रेष्ठतमायकर्मणऽआप्यायध्वमध्न्याऽइ न्द्रीयभागम्प्र॒जाव॑तीरनमीवाऽअयुक्ष्मामावस्तुनाईशतमाघठसोध्रुवाऽअस्मिन्गो / पतौस्यातबुव्हीय॑जमानस्यपुशन्पाहि // 1 // इतियजुर्वेदः॥ ॐ अग्निमीळेपुरोहि तंयज्ञस्यदेवमृत्विज॥ होताररत्नधातमं // 1 // इतिऋग्वेदः // ॐ अग्नआयाहिवीत येगृणानोहव्यदातये // निहोतासत्सिबर्हिषि // 1 // इतिसामवेदः // ॐ शन्नो / हादेवीरभिष्टय आपोभवंतुपीतये // शंश्योरभिस्रवन्तुनः // 1 // इत्यथर्ववेदः॥ ॐस्व| Incen स्तीत्युक्ता // इतिस्वशाखाविधिवत्स्वशाखावेदंपरशाखाविधिवत्परशाखावेदंचपठे। 0000000RORRORS-CG00000 For Private and Personal Use Only