________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir AGARGAAAAAGA गृहीत्वाॐ पुनस्वादि कामाःखाहा // 1 // ॐ पुनर्मनुत्पुनरायुम्मऽआगुन्पुनः प्राण पुनरात्मामुऽआगुन्पुनश्चक्षुल्पुनश्रोत्रम्मऽआगन् // वैश्वानरोऽअदब्धस्तनु / पाऽअग्निन्नै पातदुरितार्दवत्थ्यात्स्वाहा // 2 // ततश्चरुहोमः // ॐ सुप्ततेअग्ने घृते | नस्वाहा // 1 // यत्तैपवित्रमुर्चिष्यग्नेवितिमन्तुरा // ब्रह्मते पुनातुमास्वाहा // 2 // पर्वमानुसोऽअद्यनत्पवित्रैणविचर्षणिः // यल्पोतासर्पुनातुमास्वाहा // 3 // उभा / / भ्यांदेवसवितल्पवित्रणसुवेनच // माम्'नीहिविश्व स्वाहा // 4 // ततःस्विष्टकृ|| दादिनवाहुती लाहोमशेषसमाप्य // गांदत्वाअथवागोनिष्क्रयंदद्यात् // ततःकृत / मंगलस्नानोधृततिलक कर्ताशुभासनेउपविश्य // दक्षिणतःसंस्कार्यंचोपवेश्य // For Private and Personal Use Only