________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भास्कर. // 172 // संस्कार- णकर्तव्यं // मधुमांसाशनंनकर्तव्यं // मज्जननकर्तव्यं // उद्धृतोदकेटरजायादित्य | दार्थः // कुशासनोपरिमसुरिकाद्युपधानंकृत्वानोपविशेत् // स्त्रीणांमध्वजवस्थानंन / कर्तव्यं // अनृतंनकर्नव्यं // अदत्तनगृण्हीयात् // स्मृत्यतरोक्ताश्चयमनियमा नुष्ठेयाः // यथा // परिधृतवस्रक्षालनंविनानदधीत // भग्नंसुसँल्लग्नितविकृतंवस्त्रंन / दधीत // अस्तसमयेभास्करावलोकनंनकुर्यात् // शुल्कवदनंपरिवारादिवर्जयेत् // पर्युषितमन्नंभिस्सटान्नंचमभक्षयेत्॥कांस्यायसवंगमृद्पात्रभोजनंतेनपानंचनकुर्या / प्रल // तांबूलभक्षणंनकुर्यात अभ्यंगमक्ष्णोरंजनमुपानच्छत्रादर्शचवर्जयेत्॥इति। यस्यैवमध्यवयसोश्चत्वारोवेदामयापठितव्याः सोष्टाचत्वारिंशद्वर्षाणिवेदब्रह्मचर्यच रोदिति // स्मृत्युक्तान्पंचाशत्संख्याकान्ब्राह्मणान्भोजयिष्यइति॥ ॥अथाशीर्वादः // 172 // // हरि ॐ ब्रह्मचर्यमागामित्याह // ब्रह्मणऽएवैतदात्मानन्निवेदयतिब्रह्मचार्यसानी / / हGOROACA00e For Private and Personal Use Only