________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वौढानुड्डानाशु सप्तिल्पुरैन्धुिर्योपाजिष्णरथेष्ठाः // सुभेयोयुस्यियजमानस्यवीरो / हायतानिकामेनिकामनपुर्जन्यौवर्षतुफलवत्योनऽओषधयल्पच्यन्ताँयोगक्षेमो न कल्पताम् // 5 // गुरुदक्षिणपार्वेॐभू ब्रह्मन् इब्रह्मणेन ब्रह्माणंआ०॥ॐ। योषोऽइन्द्रुसर्गणोमुरुद्धिसोमम्पिबत्रुहारविद्वान् // जहिशQरपुमृधोनुदुखा / थाभयतणुहिविश्वतोन // 6 // शुक्रदक्षिणपावें // ॐ भू-इंद्रइहा इंद्राय इंद्र आ० // ॐ यमायुत्वागिरखतेपितुमतेखाहा॥ स्वाहाघुर्मायस्वाहाघुर्मपित्रे॥७॥ शनिदक्षिणपासूऊँयमइ इहतिव्यमाय यमंआ०॥ॐकार्षिरसिसमुद्रस्यत्वाक्षि | त्याऽउन्नयामि // समापोऽअद्भिरेग्मतसमोषधीभिरोषधीः // 8 // राहुदक्षिणपा For Private and Personal Use Only