________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हष्णोर्नुकंवीर्याणिइतिषडचैवैष्णवंसूक्तं // नमस्तेतिषोडशचरौद्रसूक्तं // आप्यायखे / तिषडर्च मैदवं // महावैश्वानरं // चमकंवाजश्वेत्यारभ्यप्तप्तविंशतिऋचां // इतिका शादीक्षितपद्धतौ // ऐशान्यामाहरेत्भस्मस्रुचावाथवेणवा॥ अंकनंकारयेत्तेनशि | रकंठांसकेषुचेतिशांतिकमलाकरे // ततोग्रहपीठमध्येसूर्यमंडलस्याग्रेउदक्संस्थंपा। क्तिरूपेणगणपतिदुर्गाक्षेत्रपालंचावाह्य // // तत्रमंत्राः / / ॐ गणानान्ता // 2 // ॐगणपतेइहागच्छइहतिष्ठॐगणपतयेनमःगणपतिआवाहयामि // ॐअम्बेअम्बि केम्बालिकेनमानयतिकश्चन // ससंस्त्यश्वक सुभद्रिकाङ्काम्पीलवासिनीम् // 2 // ॐभूर्भुव दुर्गेइ दुर्गायै दुर्गाआ० // ॐनहिस्पशुमविदन्नन्यमुस्माद्वैश्वानुरात्पुरंऽ एतारंमुग्नेः // एमैनमधन्नमृताऽअमर्त्यम्वैश्वानुरक्षेत्रजित्यायदेवा // 3 // ॐ 90GOOGOOOOO For Private and Personal Use Only