________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kabalirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandit भास्कर. संस्कार- श्रादचसव्यतः॥ इतिसंग्रहे॥ कृतेनांदीमुखेमध्येनकुर्याद्वितयपुनः // राजाभिषेके / / // 47 // कुर्वीत तथैवपुत्रजन्मनीति // कृतेभ्युदयश्राद्धेतन्मातृकोत्थापनविना॥नद्वितीयंनां / दीमुखंप्रकुर्यात्पुत्रजन्मनि ॥तथैवाभ्युदयंकायराज्ञः पद्याभिषेचने // अन्यथा है। रुतेमोहादपमृत्युकरंपरं // पुत्रजन्मनिराजाभिषेकेचद्वितीयंनांदीश्राद्धंकुर्यात् // न्यथान // मंडपोहासनात्पूर्वनांदीश्राद्धेकृतेपुनः // येकुवैतिनरामोहादपमृत्युव्रज तिते // इतिशास्त्रार्थप्रदीपे // एतन्निषेधस्त्रिपुरुषसपिंडपर्यंतमितिपुरुषार्थचिंतामणौ / // पुत्रजन्मनिमित्तेतुतत्कालनिशिवादिवा // भुक्कोव्रतोपवासीवाद्विश्राद्धंतुकारये // शत् // इतिरेणुकारिकायां // // नांदीश्रादंत्रिपार्वणमित्याशयेनामान्नादिपार्पणप्र। योगः शाखांतरत्वान्नात्रलिखितः॥ // अथवृद्धिश्राद्धकर्तुर्जीवत्पितृकवेनिर्णयः // 47 जीवेत्तुयदिवर्गाद्यस्तंवर्गतुपरित्यजेदितिन्यायेनजीवपितृकः खापत्यसंस्कारेषुमा / 0000000000000 ORGANAGAR For Private and Personal Use Only