________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तिभ० // ॐ तांबूलानिपातुऐश्वर्यमस्तु // दक्षिणाःपांतुबहुधनमस्त्वितिभ० // ॐ दक्षिणाःपांतुबहुधनमस्तु॥अपूपाःपांतुबव्हन्नंचास्त्वितिभ० // ॐ अपूपाःपांतुबव्ह / निंचास्तु॥शाखादूर्वाःपांतुद्धिरस्तितिभ० // ॐ शाखाद्वर्वाःपांतुशास्त्रापल्लवानां द्धिश्चास्तु // // ततआचार्येणदूर्वाशम्याम्रादिप्रशस्तक्षपत्राणांरक्तसूत्रेणपंचधावेश हीटनंकार्य // आसांमंडपमातृसंज्ञाताश्चमंडपमातृमंडपेवावंशपात्रेस्थापयिता ॥व सोःपवित्रमितिमंत्रेण यजमानपत्न्याशाखासुतैलारोपणकार्य // ॐ वसोत्पवित्रम सिशुतधारंवोल्पवित्रमसिसुहस्रधारम् // देवस्वसिवितानातुबसौत्पवित्रैणशुत / धारणसुप्वाकामधुक्षः // 3 // अहिरिवभोगैरितिशाखामुहरिद्राकुंकुमादिसुगंधिद्र / व्येणोद्वर्तनं // ॐ अहिरिवभागैः० // 1 // निकामेनिकामेतिउष्णोदकेनशाखानप . For Private and Personal Use Only