________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir षिभिःसिद्धगंधर्वैतत्कल्याणब्रुवंतुनः // 1 // भोब्राह्मणाःमया कर्मणःकल्याणं भी वंतोब्रुवंतु // ॐ कल्याणं // 3 // ॐ यथेमाँबाचङ्कल्याणीमावदानिजनेभ्यः // ब्रह्म है। राजन्याभ्याठशुद्रायुचार्यांयचुखायुचारणायच // प्रियोदेवानांदक्षिणायैदातुरिह। भूयासमयम्मेकामुत्समध्यतामुपमादोनमतु॥१॥ अथाध्वर्योत्प्रतिगरोरात्सारमे यजमानाभद्रुमेभ्योयुजमानेभ्योभूदितिकल्याणमेवैतुन्मानुष्यैवाचावदति // 1 // सागरस्ययथारडिर्महालक्ष्म्यादिभिःकृता॥ संपूर्णासुप्रभावाचतांचऋडिंब्रुवंतुनः॥ | // 1 // भोब्राह्मणाःमयाक्रिय कर्मणःऋडिंभवंतोब्रुवंतु॥ ॐ ऋध्यतां॥३॥ॐसुत्रस्यता ऋद्धिरस्यगन्मज्योतिरमृतोऽअभूमा दिवम्पृथिव्याऽअध्यारुहामाविदामदेवान्त्स्व / ज्योति // 1 // ॐ ऽतउत्तरस्यहुविर्धानस्यजघन्यायाङ्वर्या सामाभिगायन्ति / For Private and Personal Use Only