________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्कार AAAAAAजल शयितां // इतियजमानः // समाहितमनसःस्मः॥ इतिद्विजाः॥ प्रसीदंतुभवंतः॥ इति भास्कर. यजमानोब्रूयात् // प्रसन्नाःस्मइतिहिजाब्रूयुः // ततोयजमानोब्रूयात् // // // ॐ शांतिरस्तु // अस्वितिद्विजाःप्रतिवचनंसर्वत्रदद्युः // ॐ पुष्टिरस्तु // ॐ तुष्टिर स्तु // ॐ वृद्धिरस्तु // ॐ विघ्नमस्तु // ॐ आयुष्यमस्तु // ॐ आरोग्यमस्तु / ॐ शिवकर्मास्तु // ॐ कर्मसमृद्धिरस्तु // ॐ वेदसमृद्धिरस्तु // ॐ शास्त्रसमश द्विरस्तु // ॐ धनधान्यसमृद्धिरस्तु // ॐ पुत्रपौत्रसमृद्धिरस्तु // ॐ इष्टसंपद है। स्तु // ॐ अरिष्टनिरसनमस्तु // 15 // ॐ यत्पापंरोगंअशुभंअकल्यांणतरेप। 1 यद्यपिशौनकेनशांतिरस्त्वित्यादीनिपंचदशवचनान्युक्तानि तथापिप्रयोगरत्नादावधिकान्यपि / दश्यतेतदनुसारेणात्रलिखितानि // 2 अस्त्वितिसमयेपात्रमध्धेजलमोचनंकार्यमित्युक्तंप्रयोगचूडामणौ // 36 // पात्रेमुंचन्निति // 3 अरिष्टांबुनिरसनंद्विवारंपश्चिमेत्युक्तंप्रयोगचूडामणौ // For Private and Personal Use Only