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ऋषि मंडल मायाबीज
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पांच विभाग मोटे बोर्ड कागज के बना लेवें और फिर निज की बुद्धिमता से इन पांचों विभागों से स्वर व्यंजन के अक्षर बनाईयेगा । प्रयत्न करने से जब इस तरह से आप स्वर व्यंजन के अक्षरों को पांचों विभागो में समावेश करना सिद्ध करलेंगे तो आपको ही मायाबीज है इस तरह मानने में कोई संदेह नही रहेगा। जब एसा सिद्ध हो जाता है तो इस अक्षर में ज्ञान के प्रकाश का कितना समावेश है इस को पाठक खुद सोच लें और समझ लें कि शास्त्रों में मायाबीज हेतुपूर्वक ही बताया गया है जो बहुत शक्तिशाली व मोक्ष प्राप्त कराने वाला है ।
इरादा तो यह था कि स्वर व्यंजन अक्षरों को हाँ के अमुक भाग से बनाना इस पुस्तक में ही चित्र सहित दे दिया जाय, किन्तु एक तो मैं खुद ही इस में निष्णांत नही हूं, और दूसरे चित्रकार भी एसा नही मिला कि वह एसे चित्र जल्दी बना कर दे देवे। इस लिये पाठकों को इसका परिचय कराने के लिये रेखा चित्र दे दिया है सो देख कर समझ लेना चाहिए ।
वैसे तो ही की महिमा का पार नही है लेकिन बीजरूप सिद्ध करने के लिये जो चित्र आप देख रहे हैं वह एक प्राचीनता का नया प्रमाण आप के सामने है जिसको ध्यान से देखियेगा ।
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