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ऋषि मंडल कि इसका ध्यान एकाग्रता पूर्वक करे तो धरणदेव
प्रसन्न होते हैं। (५) वेसमणोववाई सूत्र-इस में यह प्रतिपादित किया है
की ईसका ध्यान करने से वैश्रमणदेव प्रसन्न होते है। (६) वेलंधरोववाई सूत्र-मे वेलंधरदेवको प्रसन्न करनेका
बयान किया है। (७) दिविदोववाई सूत्र में यह बताया है कि आराधना ___करने से देवेन्द्रदेव प्रसन्न होता है। (८) उहाणसूये—इसमें अजीब प्रकारका वर्णन है और देव
को प्रसन्न करनेकी तरकीब बताई है। (२) समुझणसुये-इसमें यह बात बताई है कि आराधक
पुरुष सौम्यदृष्टि रखकर आराधना करने से गांवके लोक
मुखी हो जाते हैं। (१०) नागपरिया वलियाओ-इस सूत्रमें यह बताया
गया है कि आराधन करने से नागकुमारदेव प्रसन्न
होते हैं। (११) आशिविषसूत्र-सांप विचार आदिका बयान किया
गया है। (१२) दिहि विषभाष—इसमें दृष्टिविष सांपोंका सविस्तर
वर्णन किया गया है।
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