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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (६८ ) अस बराबर है द फ के लेकिन बस आधार बड़ाहै य फ आधार से तो व अस कोन बड़ा होगा य द फ कोन से उप. क्योंकि अगर वास कोन य द फ कोन से बड़ा नहीं है तो ब स कोन या तो उसके बराबर है या उससे छोटा है अगर व अस कोन य द फ कोन के बराबर है तो बस आधार भी यफ आधार के बराबर होना चाहिये सा०४ लेकिन ब स आधार य फ आधार के बराबर नहीं है (फर्ज) इसलिये व अस कोन य द फ कोन के बराबर नहीं है अगर व अस कोन यद फ कोन से छोटा है। तो वस आधार को भी यफ आधार से छोटा होना चाहिये सा० २४. लेकिन वस आधार य फ आधार से छोटा नहीं है फर्ज इसलिये ब अस कोन य द फकोन से छोटा नहीं है और यह साबित होचुका है कि ब अस कोन य द फ कोन्न के बराबर नहीं है __ इसलिये ब अ स कोन य द फ कोन से बड़ाहै फल इसलिये अगर एक त्रिभुज की दो भुज दूसरे त्रिभुज क दो भ जों के आद्योपांत-यही साबित करना था टि. १ यह साध्य इस तरह भी साबित अ होसती है अस पर अ स ज ऐसा त्रिभुज ब. । नायो कि उसकी ज अ, अस और स ज ह स य भुज अलग २ द य फ त्रिभुज की य द, द For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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