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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १२६ ) यस के दिंदु य पर कोन सयफ बराबर द के बनाओ(सा०२३) स से सज समानान्तर यफ की खौंचो और असे अफज समानान्तर यस की और यफ को बिंदु फ पर और सज को बिदुज पर काटती हुई खौंचो सा० ३१ ____ तो स य फज समानान्तर चतुर्भुज है प० अ उप चूंकि त्रिभुज अब य और अयस बराबर आधारों य ब औ' र यस पर और एकही समानान्तर रेखाओं बस और अज के दमियान है इसलिये त्रिभुज अब य और अ य स बराबर आधारों य ब और य स पर और एकही समानांतर रेखाओं बस और अनके दर्मियान हैं इस लिये त्रिभुज अब य और अ य स आपस में बराबर हैं सा०३८ इसलिये त्रिभुज अ बस त्रिभुज अ य स का दूना है लेकिन समानांतर चतुर्भुज स य फज भी त्रिभुज अ य स का टूना है क्योंकि समानांतर चतुर्भुज और विभुज एकही आधार यस पर और एकही समानांतर रेखाओं य स ओर अज के दमियान है सा० ४१ इसलिये समानान्तर चतुर्भुज स य क ज त्रिभुज अब स के बराबर हैऔर उस का एक कोन सय फ दिये हर कोन द के बराबर है इसलिये दिये हुए त्रिभुज अब स के बराबर एक ऐसा समानांतर चतुर्भज सय फज बनगया कि उसका एक कोन सयफ घरावर है दिये हुए कोनद के और ऐसेही समानांतर चतुर्भज के बनाने की जरूरत थी टि. १ जिस तरह दिये हुए त्रिभुज के बराबर समानांतर चतुभ ज बनाया गया है जिसका एक कोन दिये हुए कोन के बराबर है उसी तरह For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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