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(१०)
है घिरा हो और जिसके अन्दर एक खास बिन्दु ऐसा हो कि उससे जितनी सीधी रेखा परिधि तक खौंची जावें सब आपसमें बराबर हों
(१६) वृत्त का केन्द्र एक ऐसा बिन्दु वृत्त के अन्दर है कि उस बिन्ट् से जितनी सीधी रेखा परिधि तक खौंधी जायें सब आपस में बराबर हों
टि. वृत्तों को उनके केन्द्रों के नाम से जाहिर करना गर मामली बात नहीं है मसलन् वृत्त जिसका म केन्द्र है उसको म इत्त कहते हैं
(१७) वृत्त काव्यास वह सीधी रेखा है जो केन्ट्र पर होकर जाय और जिसके दोनों सिरे परिधि पर हों
टि. जो सीधी रेखा वृत्त के केन्द्र से उसकी परिधि तक खींची जाती है उसको व्यासार्द्ध वा त्रिज्या कहते हैं।
टि० (२) अगर एक सीधी रेखा अपने एक ठहरे हुए सिरे के गिर्द किसी धरातल में घूमकर अपनी ग्रसल जगह पर लौट आवे तो धरातल जिसपर यह रेखा धमी है इत्त कहलाता है और वह रेखा जो सीधी रेखा के दूसरे सिरे के बिन्दु की हरकत से पैदा हुई है वृत्त की परिधि कहलाती है और घूमने वाली सीधी रेखा वृत्त की त्रिज्या और ठहरे हुए सिरे के बिन्दु को त का केन्द्र कहते हैं
(१८) वृत्तार्द्ध वह क्षेत्र है जो व्यास और परिधि के उस भाग से घिरा हो जो व्यास से कटा है . टि. वृत्ताई का केन्द्र वही है जो वृत्त का केन्द्र है
(१९) धनुष क्षेत्र वह क्षेत्र है जिसको किसी सोधी रेखा और परिधि के उस हिस्से ने जो उस सीधी रेखा से कटा है ६ हो
टि० धनुष क्षेत्र का पहिले और दूसरे अध्याय में कहीं काम नहीं पड़ा है वृत्ताई धनुष क्षेत्र है लेकिन हर धनुघ क्षेत्र वृत्ताई नहीं है ___ (२०) ऋज भज क्षेत्र वह क्षेत्र है जो सीधी रेखाओं से घिरा हो
टि. जिन सीधी रेखाओं से ऋजु भुज क्षेत्र घिरा होताहै उनको उख क्षेत्र को भुज कहते हैं और जो जगह उन भजों से घिरी होती है वह क्षेत्र का क्षेत्रफल या रकबा कहलाता है
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