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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ११३ ) परिभाषा-किमी लमानांतर चतुभ ज की उचाई उस लंब की लंबाई है जो अाधार पर उसके सामने के भुज के किसी बिन्दु से गिराया जाय टि० २ इसमें और इसके ग्रागे की कई साध्यों में बराबर होने से यह मतलब है कि धरातलों के सिम क्षेत्रफल बराबर होते हैं टि. ३ धरातल यानी जमीन की पैमायश की बुनियाद इसी साध्य पर है कि रोज़मर्रह की काररवाई में व्यायत का रकबा यानी क्षेत्रफल उसकी लंबाई को चौड़ाई के साथ यानी ग्राधार की उंचाई के साथ गुणा करने से दर्याफ़त किया जाता है और चंकि इस साध्य से माबित है कि जि म समानांतर चतुर्भुज का व्याधार और उसकी उंचाई यानी समानांतर रेखाओं के बीच के धरातल की चौड़ाई किसी यायत का प्राधार और उसकी उंचाई है तो उस समानांतर चतुभुज का रकबा उम यायत के रकबे के बराबर है इसलिये हर ममानांतर चतुर्भुज का रकबा उसके आधार को लंबाई और उसकी उंचाई को ग्रापस मे गुणा देने से दयाफत होसक्ता है टि.8 इस साध्य का विलोम " यानी समानांतर चतुर्भुज जो एकही ग्राधार पर और उसके एकहीतर फ में हैं और जिनके क्षेत्रफल ग्रापस में' बराबर हैं एकही समानांतर रेखायों के दर्मियान होंगे" उक्त दस ने नहीं भाबित किया है तालिबदल म व्याप इसकी साबित करें साध्य ३६ प्रमेयोपपाद्य सा सूत्र समानान्तर चतुर्भज जो बराबर आधारों पर और एकही समानान्तर रेखाओं के दर्मियान होते हैं बराबर होते हैं वि. सूत्र फ़र्ज़ करो कि समानान्तर चतुर्भुज * अवसद और य फज ह बराबर आधार । व सफ न बस और फज पर और एकही समानान्तर रेखाओं अह और वज के दर्मियान हैं तो समानान्तर चतुर्भुज अव स द बराबर होगा समानांतर चतुर्भुज य फ जह के अं० व य और स ह मिलाओ उप चुकि बस बराबर है फज के द य For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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