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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ४३ ४४. ४५ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १०७ ) अद का बस को दो बराबर हिस्सों में बांटना अद से चतुर्भुज अवसद का दो बराबर हिस्सों में बांटना अद का बस को दो बराबर हिस्सों में बांटना बस से चतुर्भुज असद के धरातल का दो बराबर हिस्सों में बांटना द ह अद से चतुर्भुज अवसद के धरातल का दो बराबर हिस्सों में बांटना बस से चतुर्भुज अवसद के धरातल का दो बराबर हिस्सों में बांटना यगर इन पैंतालीस ततवों में से कोई ततब दो खासियतों की चतुर्भ क्षेत्र में पाई जाय तो साबित होसक्ता है कि बाकी याठ खासियतें भी चतुर्भुज क्षेत्रमें होंगी इसलिये पैंतालीस ततबों से पैंतालीस साध्य वन सक्ती हैं और चूंकि पैंतालीस साध्यों में से हर एक के फल में बाट बातें होंगी इमलिये हरएक साध्य से ग्राट साध्य जिनके फल में एक एक बात हो बनेगी बानी ४५ साध्यों से ३६० साध्य पैदा होंगी यह भी याद रखना चाहिये कि जो साध्य तत ३, १०, १६, २०, २१, २२, २३, २४, २५, २६, २७, २८.२६. ३०, ३५, ३८, ४२ और ४३ से पैदा होंगी हर हालत में वह सही न होंगी तालिवइल्म को चाहिये कि इन सब साध्यों को तयार करके साबित करे टि० ४ चौंतीसवीं साध्य की मदद से हम हरएक परिमित सीधी रेखा को जितने बराबर हिस्सों में चाहें इस तरह बांट सक्ते हैं फ़र्ज़ करो कि अब दी हुई परिमित सीधी रेखा है रेखा अस खींचो जो रेखा अव के साथ कोई कोन वनावे द अ फ ज অ और इस रेखा में से कोई हिस्सा न द लेलो और 'अद के बराबर हिस्से द य और य स लगातार बनाते जाओ यहाँ तक कि यह मव हिस्से उतने होगये हों जितने हिस्तों में हम दी हुई रेखा को वांटना चाहते हैं सब को मिलायो और य ज और द फ समानांतर सब की खींचो (सा० ३१ ) तो सीधी रेखा अब उतने हिस्सों बट जायगी जितने हिस्सों में हम चाहते हैं और समानांतर अब की खींचो For Private and Personal Use Only ह सा० ३१
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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