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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (८८ ) यह दोनों रेखा य बिंदु पर मिलती हैं सावित करो कि कोन अ य स कोन अब स का आधा है (११७) अगर किसी ऋजुभुज क्षेत्र के जिसमें भुजों का शुमार (न) है भुज दोनों तरफ बढ़ाये हैं तो सब कोन जो पहले और तीसरे भुज और दूसरे और चौथे भुज और तीसरे और पांचवे भुज इत्यादि और अखीर और पहले भुज से बनेंगे मिल कर २ ( न-४ ) समकोन के वराबर होंगे साध्य ३३ प्रमेयोपपाय सा० सूत्र सीधी रेखा जो दो बराबर समानान्तर सीधी रेखाओं के एक एक तरफ के सिरों को मिलातो हैं आपस में बराबर और समानान्तर होती हैं वि० सूत्र फ़र्ज़ करो कि अब और सद दो बराबर और समानान्तर सीधी रेखा है और उनके एक एक तरफ़ अ के सिरों को अस और वद सीधी रेखा मिलाती हैं तो अस और वद आपस में बराबर और समानान्तर होंगी अं. वस मिलाओ अ. १ उप. चूंकि अव समानान्तर सद की है और वस उन पर गिरती है __इसलिये कोन अबस बराबर है एकान्तर कोन व सद सा० २८ और चूंकि अब बराबर है स द के और वस दो त्रिभुज अबस और दसव में उभयनिष्ट है यानी दो भुज प्रव और उस अलग अलग बराबर हैं दो भुजों दस और सब के और कोन अवस बराबर कोन दसब के साबित होचुका है इसलिये आधार अस बराबर है आधार बद के और विभज अवस बराबर है त्रिभुज द स ब के ओर बाकी कोन एक For Private and Personal Use Only
SR No.020605
Book TitleRekhaganit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaram Babu
PublisherAtmaram Babu
Publication Year1900
Total Pages220
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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